...

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चाय
मैं चाय हूँ
पहले मेरा तो मकसद ही अलग था
मेरे नशे की वजह से याद करते थे
और अब समय नहीं कट रहा तो मैं
बोर हो गए तो मैं
किसी की पर्सनल बातों की गवाह हूँ मैं
कितने लोगों को मिलते देखा है मैंने
कितने लोगों को टूटते देखा है मैंने
मेरे साथ तो कितने लोगों ने मोहब्बत का इजहार किया है
किसी ने खुलेआम
किसी ने चुपके चुपके
पर साथ मैं ही रहती हूँ
कई लोगों की इज्जत का प्रतीक हूँ मैं
अगर किसी की महफिल मै ना आऊँ मैं
तो लोगों की औकात तक दिखा देते है लोग
मुझे लोगों ने बनाया
पर मैंने लोगों को बनाया
ढालों वाले पहाड़ों पे रहने वाली हूँ मैं
पर आपके नशे के लिए
आपके मजे के लिए
आपकी इज्जत के लिए
आपके बीच के माध्यम के लिए
आपके स्वास्थ्य के लिए
मैंने अपनी खुद की पहचान खत्म कर दी
पर खुश हूँ
की आपके साथ थी
आपके साथ हूँ
आपके साथ रहूँगी
आपने अपना स्वाद बदल दिया वरीयता बदल दी
पर मुझे नहीं बदला
हाँ कलर बदल दिया
पर हुँ मैं चाहे ब्लैक व्हाइट या ग्रीन
मैं चाय हूँ





© Abhishek mishra