असली विरासत
हमारे पुरखों द्वारा जो हमें प्राप्त होता हैँ उसे हम विरासत कहते हैँ | यें पीड़ियों द्वारा सहेजी हुई सम्पति होती हैँ जो हमें भेट स्वरूप मिलती हैँ, जैसे सास अपनी बहु बेटियों के लिए गहने संभाल कर रखती हैँ, बहुत हीं जतन से, कई बार अपनी सैकड़ो इच्छाओं को मारकर, खानदानी सम्पति को,अपनी अगली पीड़ी को सौपती हैँ | पिता पुत्र के लिए जमीन घर व पैसा सहेज कर रखता हैँ कि उनकी आने वाली पीढ़ी को कोई तंगी न झेलनी पड़े | वो खुशी से अपना जीवन - यापन कर सके | सच कहे तो हम भारतीये खुद से ज्यादा अपने बच्चों के बारे में सोचते हैँ |अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए, हम सदैव संघर्ष करते हैँ |
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