भुलक्कड़ सा मैं..
भुलक्कड़ सा मैं..
और तुम हर बार मुझे याद दिलाती हुई।
कभी laptop, कभी charger तो
कभी mobile को ढूँढता हुआ मैं।
तुम्हारे मायके जाने की वो
एक दिन की ख़ुशी जिसे मैं freedom कहता हूँ,
महज़ दो दिन में...
और तुम हर बार मुझे याद दिलाती हुई।
कभी laptop, कभी charger तो
कभी mobile को ढूँढता हुआ मैं।
तुम्हारे मायके जाने की वो
एक दिन की ख़ुशी जिसे मैं freedom कहता हूँ,
महज़ दो दिन में...