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आखिरी खत !!
ये प्रेम कहानी है एक सैनिक की जो की अभी युद्ध में तैनात है और उसे ये महसूस हो जाता है की अब घर वापसी बहुत मुश्किल है ,तो अब ऐसे स्थिति में रात के युद्ध विराम में सैनिक अपनी प्रेमिका के लिए एक आखिरी खत लिखता है ।

फिर यूहीं दिन बीतते हैं,युद्ध खत्म हो जाता है ,वो सैनिक युद्ध में शहीद हो जाता है ,जब अंतिम विदाई के बाद उसका समान घर वालों को मिलता है तो उसमे उसकी प्रेमिका को वो आखिरी खत दिया जाता है ,जिसे पढ़कर उसकी आंखो में आसूं आ जाते हैं ,खत की पंक्तियां कुछ यूं हैं :-


याद आऊं तो तलाश करना मुझे
अपने दिल के किसी कोने में
मिलूंगा तुम्हे मै,
हवा में महकते हुए
धूप में चहकते हुए
जमीन पर उगते हुए
नदी में बहते हुए
आसमान में शोर करते हुए
तुम्हारे दिल में जोर करते हुए
खत्म मैं हो रहा हूं
मेरे जज़्बात नही
दूर मैं हो रहा हूं
मेरा प्यार नही
याद करना वो रातें
वो मुलाकातें
वो हंसी वो ठहाके
जो हमने साथ लगाए थे
वो गाने वो तराने
जो हमने कभी साथ गुनगुनाए थे
पाना हो मुझे तो आ जाना
वही पुराने शहर के ठिकानों पर
सहलाना उन दीवारों को
जहां हम कभी बैठा करते थे
महसूस करना मुझे यहां
मैं खत्म होकर भी यहां जी रहा हूं
मैं नहीं होकर भी यहां रह रहा हूं
मैं हूं मौजूद तुम में
तुम्हारी सांसों में
तुम्हारी आंखों में
तुम्हारी आहों में
तुमने मुझे खोया नही है
देखो मैं बस रहा हूं तुम में
तुम जब खिलखिला रही हो
तो मैं हंस रहा तुम में
तुम जब रो पड़ी हो तो
सिसक रहा हूं तुममें
ये कहानी हमारी पूरी तो नही
पर गौर से देखो ये अधूरी भी नही ।
© Aryman Dwivedi

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