...

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मेरी दोस्त PART 1
9 मार्च 2004, ये वो तारीख है जिसे मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता। यह उन दिनों की बात है, जब मेरे नाइंथ क्लास के फाइनल पेपर चल रहे थे।
मैं अपना पहला एग्जाम देखकर क्लास से बाहर निकला था। एग्जाम बहुत अच्छा हुआ था। सभी को घर जाने की जल्दी थी। मैं कुछ देर के लिए स्कूल में रुक गया। काफी देर तक मैं स्कूल को देखता रहा। अब मेरे आस-पास कोई भी नहीं रह गया था।
अब मैं भी घर की तरफ कदम बढ़ाने ही वाला था। तभी मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा।
" क्या इसी स्कूल में मेरा एग्जाम है।"
एक रोल नंबर की स्लीप मेरी तरफ बढ़ाते हुए। मुझसे एक सुंदर सी लड़की ने पूछा।
मैंने ध्यान से स्कूल का नाम पड़ा यह तो हमारा ही स्कूल था। उसका एग्जाम तो 2:00 बजे था अभी तो लगभग 12:30 हुए थे।
" हां इसी स्कूल में एग्जाम है। पर एग्जाम में तो अभी बहुत टाइम है।"
आज तक मैंने किसी लड़की से बात नहीं की थी। यह फर्स्ट टाइम था।
"वो ना तब तक हम पढ़ लेंगे। वो पापा को वापस ऑफिस जाना होता है ना इसलिए।थोड़ा टाइम पहले आ गए।"
शायद मुझे मेरे सवालों के जवाब मिल गए थे।
" तुम्हारा भी एग्जाम है तुम भी जल्दी आ गए हो।"
उसने एक टक मेरी तरफ देखते हुए कहा।
" ओ.. हो.. हो.. हाॅ।"
मैंने हिचकती हुए कहा।
मेरा एग्जाम तो समाप्त हो चुका था।
" तुम्हारा नाम क्या है?"
यह बात जैसे ही मैंने पूछी मेरे दिल की धड़कन कुछ बढ़ सी गई थी।
" हमारा नाम कोमल है और तुम्हारा।"
मैं उसको बस देखता ही जा रहा था। उससे बात करके दिल को एक अजीब सी खुशी हो रही थी।
" मेरा नाम अमन है।"
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