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हिजाब या किताब


धर्म, एक ऐसा शब्द है जो अपने आप में ही किसी की पहचान होता है। किसी की उत्पत्ति, उसका विकास, उसकी सोच इत्यादि कई बार उसके धर्म मात्र से पता चल जाता है। आज तो धर्म का नाम मात्र इतना ताकतवर कि क्षण भर में युद्ध रूपी माहौल तैयार कर दे। धर्म का लेकिन आज धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है राजनीति द्वारा। नफरत फैलाने के औजार के रूप में। खैर धार्मिक चर्चा न करते हुए मुद्दे पर आ जाता हूँ।
इस्लाम धर्म अपनी कट्टरता और नियमों के नाम पर ज्यादा मशहूर माना जाता है। और उन्हीं नियमों में से एक है हिजाब। जो आजकल काफी चर्चा में भी है। कोई व्यग्तिगत टिप्पणी किये बिना बस इतना कहना चाहूंगा कि हिजाब चुनने वाली स्त्रियों से तो बहुत मिले होंगे हम सब। जिस धर्म में हमेशा शिक्षा के नाम पर धार्मिक शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है, उस धर्म की एक बच्ची ने आज देश में पढ़ाई को लेकर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। उस बच्ची ने NDA की परीक्षा सिर्फ उत्तीर्ण नहीं कि बल्कि उसमें पूरे देश मे 149 वीं रैंक हासिल कर के देश की पहली मुस्लिम महिला बनी जो भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमान की पायलट बनेगी।
जी हाँ। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की सानिया मिर्जा की। भारतीय वायु सेना की प्रख्यात महिला लड़ाकू विमान की पायलट अवनी चतुर्वेदी को अपना आदर्श मानने वाली सानिया कहती है कि जैसे वो अवनी चतुर्वेदी से प्रेरित हुई वैसे ही देश की अन्य लड़कियां उनसे प्रेरित हों। सानिया मिर्जा को बहुत सारी शुभकामनाएं। उम्मीद करते हैं वो एक दिन देश का नाम अवश्य रोशन करेगी।
अब एक सवाल। क्या ये कभी संभव हो पाता अगर वो हिजाब पहन कर सिर्फ धार्मिक ज्ञान अध्ययन करती तो?
आप स्वयं ही इसका जवाब दें। क्या बेहतर है?
हिजाब या किताब।

✍️ शैल।
© शैल