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दोस्ती या प्यार,,,,,(1)
एक बार एक कॉलेज में तीन दोस्त पढते थे । एक लड़की दो लड़के ,, बहुत ही पक्के दोस्त बचपन से साथ ही पढाई हुई उनकी ,, राहुल चारु दीपक ,,,, स्कूल टाइम तक सब ठीक था वो सिर्फ दोस्त थे। लेकिन जब कॉलेज में आए तीनों के सपने अलग अलग हो गए जो बचपन से एक ही थे कोई एक बोलता मुझे ये बनना है तो दोनों अपने आप बोल देते हमे भी,,,, अब पता नहीं क्या हुआ साथ रहते थे पर सपने सोच पसंद सब अलग अलग हो गए। परन्तु तीनों साथ रहते साथ क्लास में बैठते थे सबको पता थी उनकी दोस्ती की कहानियां ,,,,, कुछ दिनों से चारू थोड़ी चुप चुप रहती थी खोई खोई ,,,, पता नहीं चल रहा था उसको क्या हो गया था अगर कोई ओर लडकी राहुल के पास आती उसे बहुत बुरा लगता था वो शायद राहुल को दोस्ती से आगे बढ़ कर चाहने लगी थी । उसने दीपक को भी नहीं बताया ओर ना ही राहुल से इजहार ही किया। उधर राहुल रश्मि नाम की एक लडकी को पसंद करने लगा ओर उसने सबसे पहले चारू को ये बात बताई ओर पूछा क्या करना चाहिए मुझे अब । चारू के तो जैसे पैर के नीचे से ही जमीन निकल गई थी वो क्या बोलती उसने कहा तुम देख लो अगर वो भी तुमसे प्यार करती है तो बोल दो उसे दीपक कुछ काम से कॉलेज नहीं आ रहा था अभी,,,, राहुल ने रश्मि को अपने दिल कि बात बताई उसने भी उसे अपने दिल की बात बता दी और वो दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे । राहुल को चारू के दिल की बात एक बार भी पता नहीं चली इतने सालो में उसने उसका उदास चेहरा भी नहीं दिखा होगा,,,,,। चारू ने संभाल लिया अपने आप को ओर राहुल की खुशी में ही खुश रहने लगी थी वो ,, उसे लगा वो रश्मि के साथ ज्यादा खुश रहेगा वो खुश तो में भी खुश ओर वह वापस से हंसने बोलने लगी अपनी सारी भावनाओ को राहुल से छुपा कर,,,,,। कुछ दिनों बाद दीपक आया अब कहानी ने नया मोड़ ले लिया था अब दीपक की भावनाए क्या थी ये जानना बाकी था। दीपक बहुत होसियार लड़का था और बहुत ही सजीला ओर सुंदर था वो सभी लडकिया उससे दोस्ती करना चाहती थी मगर उसको किसी में कोई दिलचस्पी नहीं थी वहा। ,,,,, वो जिस लडकी को चाहता था उसको अपने जीवन में लाना चाहता था वो कोई और नहीं उसकी बचपन कि दोस्त चारु ही थी,,, उसे बिल्कुल नहीं पता था चारु राहुल को पसंद करती थी चारु ने कभी राहुल को भी नहीं बताई ओर ना दीपक से कहीं,,,,, एक दिन उसने चारु से पूछा तुम किसी को पसंद करती हो क्या चारु ने कहा हा बचपन से करती हूं लेकिन वो अब मेरे पास नहीं है किसी ओर का है लेकिन उसके अलवा में कभी किसी के बारे में नहीं सोच सकती हूं मुझे इस बात का एहसास अभी हुआ है दीपक इसलिए मैने किसी को कुछ नहीं बताया ओर अब में बहुत खुश हूं क्यूंकि वो खुश हैं ,,,,,, दीपक की भावनाए चारु ने नहीं देखी अभी जो उसके चहरे से साफ दिख रही थी वह अपने ही प्यार की यादों में मस्त थी ,,,,, दीपक को बहुत दर्द हुआ ये सुन कर परंतु वह बहुत खुश था क्यूंकि चारु बहुत खुश थी उसने भी चारु को पता ही नहीं चलने दिया कि वो कितना चाहता था उसे ,,, दीपक ने बहुत लड़कियों को दूर कर दिया सिर्फ चारु के लिए ओर उधर राहुल सिर्फ लड़कियों के पीछे रहता था चारु को छोड़ कर परंतु आज भी वो बहुत अच्छे दोस्त हैं चारु राहुल का वेट कर रही है जो पता नहीं आएगा की नहीं उसके पास ओर दीपक चारु का इंतजार करता है उसको भरोसा है वो आएगी उसके पास और वह उसे बहुत खुश रखेगा,,,,, वो तीनो खुश थे ये बताईए उन तीनो में सबसे ज्यादा खूश कोन था राहुल जो अपने प्यार ओर दोस्तो के साथ खुश था। चारु जो राहुल की खुशी से ही खुश थी । लेकिन अंदर से टूटी सी,,,,,। या फिर दीपक जो चारु को खुश देखना चाहता था सब छोड़ कर भी सिर्फ चारु का इंतजार करता था अन्दर से वो बिल्कुल उदास नहीं था क्यूंकि उसे अपने प्यार पर पूरा भरोसा था,,,,,,,,,,,,,,,,, पता नहीं आपस में उनके अब क्या था सिर्फ दोस्ती या सिर्फ प्यार या फिर दोनों दोस्ती या प्यार,,,,,,,,
© #mohini