...

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नाम
न जाने क्यूं,
हमारे नाम से हमारी पहचान की जाती है।
पहचान करनी है तो हमारे अंदाज से करो।।

मेरे नाम से जिसे पर पुकारा जा रहा है
वह मैं हूं या कोई और,
दरअसल , बात यह है
कि मेरी क्लास में मेरे नाम की दो और लड़कियां हैं लेकिन नाम एक है मगर,
हमारा स्वभाव बिल्कुल अलग है
एक धरती, एक आसमा, एक पताल
हमारे बोलने के तरीके,समझने की शक्ति
सब अलग

अच्छे कर्म करने वाले को राम कहते हैं
और बुरे कर्म करने वाले को रावण

पता नहीं क्यों
यह नाम किस आधार पर दिए जाते हैं।
जब छोटे होते हैं, तो कौन जानता है कि
हम बड़े होकर क्या बनेंगे ।
पहले से ही हमें एक नाम देखकर उसके अनुरूप कार्य करना सिखा देते हैं ।
चाहे वह हमें पसंद हो या नहीं।।

अधिकतर देखा जाता है,
जिसका जो नाम है वह उसके अनुरूप कार्य करता ही नहीं।।
अगर जनाब, नाम के अनुरूप कार्य करने लगे तो हर कोई राम बन जाएगा।।
दुनिया का भविष्य सुधर गया।।