नष्ट होती भारतीय परंपराएँ
इस विषय के बारे में सोचो, तो शायद सोच का कहीं भी विराम ही ना मिले। अपनी पुरानी परंपराओं और सभ्यताओं के बारे में सोचो तो, कितनी ही परंपराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। हर पीढ़ी का यह दायित्व है कि वह अपने पूर्वजों से जो भी सभ्यताएँ और संस्कृति उन्हें प्राप्त हुई है, वह उन्हें सहेज कर अपने आने वाली पीढ़ी को सौंपें। ताकि इसी तरह इन परंपराओं और सभ्यताओं को सहेज कर हम इसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते जाएँ और अपनी संस्कृति का विकास करें। लेकिन क्या यह सच में हो पा रहा है?
इस विषय में सोचो, तो शायद उत्तर मिलता है नहीं। आपने लगभग हम भारतीयों को देखा होगा कि पढ़े लिखे...
इस विषय में सोचो, तो शायद उत्तर मिलता है नहीं। आपने लगभग हम भारतीयों को देखा होगा कि पढ़े लिखे...