हुनर की पहचान -2
आगे की कहानी
वार्षिक उत्सव के बाद फिर पढ़ाई का सिलसिला शुरू हुआ,स्कूल खत्म होने के बाद वो ट्यूशन भी पढ़ाती ,खुद भी कोचिंग जाती।इस तरह स्कूल -कॉलेज के साथ वो कंप्यूटर और टाइपिंग कोर्स किया।वह एक ऐसे एरिया में रहती है जहां बहुत नीची सोच थी जैसे - जीन्स न पहनो,लड़को से बात न करो पर रूबी के मम्मी-पापा को बस बेटी पर यकीन है इसलिए सबको अनसुना करते क्योंकि वो मुस्लिम है तो नमाज़ का ध्यान...
वार्षिक उत्सव के बाद फिर पढ़ाई का सिलसिला शुरू हुआ,स्कूल खत्म होने के बाद वो ट्यूशन भी पढ़ाती ,खुद भी कोचिंग जाती।इस तरह स्कूल -कॉलेज के साथ वो कंप्यूटर और टाइपिंग कोर्स किया।वह एक ऐसे एरिया में रहती है जहां बहुत नीची सोच थी जैसे - जीन्स न पहनो,लड़को से बात न करो पर रूबी के मम्मी-पापा को बस बेटी पर यकीन है इसलिए सबको अनसुना करते क्योंकि वो मुस्लिम है तो नमाज़ का ध्यान...