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रिश्तों का मायाजाल
मेघना और राहुल अपनी छह वर्ष की बेटी 'पीहू' के साथ पार्क में घूम रहे थे ,तभी पीहू के हाथ से गेंद लुढ़ककर पास वाले नाले में चली गयी।पीहू जोर जोर से रोने लगती है,बच्ची को रोते देखकर राहुल से रहा नही गया और वो गंदी नाले में उतर जाता है गेंद को उठाने।तभी उसे वहां पर एक नवजात बच्ची पड़ी हुई मिलती है, कचड़े के ढेर के ऊपर गिरी होने के वजह से वो पूरी तरह से डूबी नही थी,राहुल एक डॉक्टर था उसने देखा उसकी सांसे चल रही थी ।

तीन दिन के कड़ी मुशक्कत के बाद वो बच्ची बच जाती है, राहुल और मेघना उसे गोद लेने का फैसला कर चुके होते है,के तभी 'कॉलबेल' बजती है,और उनके सामने बेबस और लाचार सा दिखने वाला एक दंपति हाथ जोड़े खड़े थे।
राहुल के पूछने पर वो कहते है की, उनके पास भगवान का दिया सब कुछ है ,सिवाए औलाद के। वो दोनो इस बच्ची को
गिड़गिराकर मांगने लगे, शादी के पंद्रह साल के बाद भी वे दोनों बेऔलाद थे।उनके बहुत विनती करने पर राहुल, और ना चाहते हुए भी मेघना राज़ी हो जाती है उस बच्ची को उन्हें देने के लिए।
इस घटना के तीन वर्ष बाद अचानक राहुल और मेघना के पास उस सेठ के घर से न्योता आता है, उसी बच्ची के वर्षगाँठ का ।
वो तीनो बड़े ही उत्सुकता के साथ वहां पहुंचते है ,बंगले की सजावट और ठाट- बाट देखकर वो चकाचौंध रह जाते है,तभी तीन वर्ष की एक छोटी सी परियों के लिबाज में सजी हुई एक बच्ची के साथ वो दोनो भागकर आते है ,उनका स्वागत करने।
मेघना की नज़र उस बच्ची पर ही टिकी हुई होती है,बहुत सुंदर किसी परी के समान लग रही थी वो बच्ची,तभी बड़े मीठी आवाज़ में वो बोलती है ......."नमत्ते अंकल, नमत्ते आंटी".....मेघना इतनी प्यारी और संस्कारी बच्ची को देखकर खुशी से झूम उठती है।
और दोनो को हैरानी तो तब होती है ,जब उन्हें पता चलता है कि अनीता(उस अनाथ बच्ची की मां ) को कुछ दिन पहले माँ बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था ,परंतु उसने मना कर दिया,उसने कहा - " मैं किसी और के साथ अपनी परी का प्यार नही बांट सकती ,अब मुझे अपने कोख के संतान की कोई जरूरत नही है, 'परी' इज़ एवरी थिंग फॉर मी"।
मेघना अपने आंखों के अंशुओ को ना रोक पाई, भावुक होकर अनीता को गले लगाते हुए उसने कहा- "ये कैसा रिश्तों का मायाजाल है बहन, जहां जन्म देने वाली जननी ने तो एक मासूम बच्ची को गंदी नाले में फैंक दिया और वही दूसरी ओर गैरों ने किसी अनाथ बच्ची के लिए इतने तपस्या के बाद मिलने वाले अपने खुद की औलाद को ही लेने से मना कर दिया"।
©हेमा