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मेरे एहसास
मेरे एहसास
कभी हंसते थे चेहरे जिनके, आज मुरझाए फूल से हैं।
ज़िंदगी दे जिन्हें दर्द बेहिसाब, उनके लिए जीना एक भूल है।
ये माना की संघर्षों से पत्थर भी हीरा बन जाता है।
मगर जिंदगी भूल गई इंसान तो, टूट कर बिखर जाता है।
कहां कदम रखें वो, एक मुस्कान पाने के लिए,
जब हर कदम पर दर्द का चेहरा नजर आता है।
भला कैसे न कहें हाल ए दिल कभी जिंदगी,
ये तो एहसास हैं मेरे,अब इनका बोझ सहा नहीं जाता है।
जब जब घर की गली से गुजरना हुआ,
सबसे पहले सड़कों पर बैठे उन बच्चों का ख्याल आता है।
जिनकी नजरों में किसी को देख कर कुछ मिलने का लालच दिख जाता है।
काश इनका बचपन खोने से बच जाये,अगर कोई इनके लिए मसीहा बन जाता है।


ये कविता 'My Feelings' नामक किताब मे छप चुकी है! जो एक बहुत ही सुखद एहसास है! आशा करते हैं आगे भी हमारी कविता, शायरी और कहानी प्रकाशित होती रहें! कृपया मार्गदर्शन करते रहिएगा ज़ी!!🙏🏻🙏🏻

शीर्षक: मेरे एहसास
लेखन: 2019 से।

© Diary se jindgi tak....