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MAINE KAREEB SE JANNA THA JISE
मैंने करीब से जाना था जिसे मोहब्बत बेपनाह करते हैं उनसे। ना जाने फिर वो क्यों ये समझ बैठे हैं कि हम उनकी मोहब्बत को दागदार कर रहे हैं। हालात कुछ ऐसे पनपे हैं- दूरियाँ बडी, बातें कम हुई, एक दूसरे को देख न पाना, तो क्या हुआ? इस सब मे अपनी मोहब्बत को भूल जाएं। कभी नही, लौंग डिस्टेंस रिलेशन निभा पाना हर किसी के बस में नहीं होता। बहुत बातों को नज़रंदाज़ करना पड़ता है ताकि अपना बात करने का समय बस अपना हो। रही बात दूर जाने की तो हम जाने न देंगे चाहे तुम एक बात पर अटके हो या हज़ार बातों पर। जब तक कहोगे नही तो फिर कैसे होगा। काफी समय से कह रहा हूँ कुछ हुआ तो जरूर है पर तुम हो की बातें टाल रही हो। अंदर ही अंदर घुटने से कई बेहतर है कह दो कि हम बेवफा हैं और तुम्हारी ईमानदार मोहब्बत के काबिल नही। मुझसे नई देखा जाता तुम्हारा चेहरे पे ये हालातों का जाल। खाए जाता है ये जान कर की कुछ तो हुआ है इस बार। इतनी सी आयु मे इतना समझ पाना और मुश्किल हालातों मे खुद को एवं मुझे भी संभलना मोहब्बत नही तो क्या है? गरूर आज भी है कल भी रहेगा तेरी जैसी मोहब्बत न कोई कर पाया है न कर सकेगा। फिर क्यो उस सोच मे खुद को डुबो बैठे हो जिसका भुगतान हमारे रिश्ते मे दूरियों को बढ़ावा देके हो रहा है। गलती हुई है कोई या फिर कुछ पुरानी गलतियों का खम्याज़ा है जो इस तरह से महसूस कराया जा रहा है। मै अकेला ही नही पिस रहा इस सब मे|तेरे इस सब मै होने से फर्क पड़ रहा है मुझे भी। तो लौट आओ जीवन के रंगों मे क्योंकि तुम वही हो ना जिसे करीब से जाना था मैंने।
© Paricha24