●ताकत●
घर तो आपने शानदार बनवाया हैप्रोफेसर साहब,मि.सिंह ने कहा।
हाँ सिंह साहब,बङे प्यार से बनवाई है।पत्नी की इच्छा थी कि घर इसी मुहल्ले मे बनवाई जाए।
सिंह साहब बोले- मिठाई खिलाए,बिना पार्टी के मानेंगे नही हम सब।
प्रोफेसर बोल पङे- पार्टी तो होगी जी।गृह प्रवेश की पार्टी करेंगे।
चारो तरफ घुम फिर कर जब सिंह साहब ने सारा घर देख लिया।
सामने मुख्य गेट के ठीक आगे एक पतली नाली बगल में विधवा नमिता के घर से निकलकर दस कदम आगे मुहल्ले के मुख्य नाला मे मिल रहा था।
सिंह साहब बोले- यह नाली घर के सामने ठीक नही दिख रहा है,इसका क्या होगा।
इसको खत्म कर देंगे- प्रोफेसर साहब बोले और उन्होने मजदूरो से कहा- नाली ढक दो।
नाली ढकने का अर्थ था कि नमिता की परेशानी बढती।उसके घर से पानी का निकाश पूरी तरह बंद हो जाता।
नमिता आगे आई- प्रोफेसर साहब यह आप क्या करना चाह रहे है,इस तरह तो मैं और मेरे घर के सारे लोग तो परेशान हो जाएंगे,वह बोली।
प्रोफेसर साहब ने जवाब दिया- यह नाली मेरे जमीन से होकर बह रहा है,मेरे घर के ठीक सामने बह रहा है,घर की शोभा को बिगाङ रहा है।आप चुप रहिए,इसे मैं यहाँ से नही बहने दूँगा। आपसे जो बन बङे कर लिजिए।...
हाँ सिंह साहब,बङे प्यार से बनवाई है।पत्नी की इच्छा थी कि घर इसी मुहल्ले मे बनवाई जाए।
सिंह साहब बोले- मिठाई खिलाए,बिना पार्टी के मानेंगे नही हम सब।
प्रोफेसर बोल पङे- पार्टी तो होगी जी।गृह प्रवेश की पार्टी करेंगे।
चारो तरफ घुम फिर कर जब सिंह साहब ने सारा घर देख लिया।
सामने मुख्य गेट के ठीक आगे एक पतली नाली बगल में विधवा नमिता के घर से निकलकर दस कदम आगे मुहल्ले के मुख्य नाला मे मिल रहा था।
सिंह साहब बोले- यह नाली घर के सामने ठीक नही दिख रहा है,इसका क्या होगा।
इसको खत्म कर देंगे- प्रोफेसर साहब बोले और उन्होने मजदूरो से कहा- नाली ढक दो।
नाली ढकने का अर्थ था कि नमिता की परेशानी बढती।उसके घर से पानी का निकाश पूरी तरह बंद हो जाता।
नमिता आगे आई- प्रोफेसर साहब यह आप क्या करना चाह रहे है,इस तरह तो मैं और मेरे घर के सारे लोग तो परेशान हो जाएंगे,वह बोली।
प्रोफेसर साहब ने जवाब दिया- यह नाली मेरे जमीन से होकर बह रहा है,मेरे घर के ठीक सामने बह रहा है,घर की शोभा को बिगाङ रहा है।आप चुप रहिए,इसे मैं यहाँ से नही बहने दूँगा। आपसे जो बन बङे कर लिजिए।...