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खूब हंसिए पर ध्यान रहे...
*खूब हंसिए पर हमेशा ध्यान रखिए..*

*World Laughter Day 7th May*

*हंसना और मुस्कराना या हंसी और मुस्कान दोनों एक ही चीज हैं। ऐसा समझो जैसे कि ये एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह हैं। इनकी अभिव्यक्ति की त्वरा (intensity) के आधार पर इनमें अन्तर पड़ जाता है। अलग अलग स्थान, समय और परिस्थिति के उपयुक्त होने या अनुपयुक्त होने के अनुसार भी इनके अर्थ में अन्तर पड़ जाता है।*

*हंसिए। खूब हंसिए। हंसने के कई भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य वर्धक सकारात्मक प्रभाव होते हैं। हेल्थी हंसी सकारात्मक और सृजनात्मक होती है। हंसना मुस्कराना भला किसे नहीं भाता होगा। हंसने और मुस्कराने पर तो चिकित्सा शास्त्र भी अपना सकारात्मक मंतव्य देता है। हंसने और मुस्कराने के कम से कम दो दर्जन फायदे होते हैं। हल्दी लगे ना फिटकरी और रंग चोखा ही चोखा। हंसने और मुस्कराने में कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती और बिना मेहनत के फायदे बहुत ज्यादा होते हैं। चिकित्सा विज्ञान कहता है कि कुछ हार्मोन्स भी हमारे हैपी मूड के लिए जिम्मेवार होते हैं। हैप्पी हार्मोंस हमारे अंदर पैदा हों, उसके लिए चार चीजों की आवश्यकता होती है। सात्विक और संतुलित भोजन। संतुलित गहरी नींद। शारीरिक व्यायाम। सकारात्मक सोच। इन चार चीजों के संतुलन से हैप्पी हार्मोंस सीक्रेट होते हैं। वे हार्मोंस (रसायन) शरीर और मन में ऐसा परिवर्तन लाते हैं जिससे स्वाभाविक रूप से हंसी और खुशी बनी रहती है।*

*हंसने से होता है मनोभावों का शुद्धिकरण। कैसे? 1.हंसने से हमारे नकारात्मक मनोभाव खत्म हो जाते हैं। हंसने का यदि नेचर ही बन जाए तो प्रत्येक छोटी बड़ी बात को हल्का लेने की आदत बन जाती है। Take it easy की भाव भावना स्थाई बन आदत बन जाती है। जिससे नकारात्मक प्रक्रिया के नुकसान से स्वतः ही मुक्त हो जाते हैं। 2. जैसे ही हम हंसते हैं हमारे हृदय की गति नियंत्रित होने लगती है। रक्तचाप नियंत्रित हो जाता है। हमारे फेफड़ों की...