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सपने,,,
एक बार एक लडकी थी छोटे से गांव में पैदा हुई थी वो बहुत प्यारी और मासूम थी। वो पढ़ाई में बहुत होशियार थी। पढ़ लिख कर कुछ बनना चाहती थी। वह पढ़ भी ली लेकिन उसकी शादी कर दी गई। वह ससुराल में आ गई और सोचने लगी आगे यही पढ़ाई कर लूंगी । बहुत सपने नहीं थे उसके बस छोटे छोटे सपने थे वह टीचर बनना चाहती थी। मम्मी पापा ने उसको पूरा कोर्स कराया था। अब वह तयारी करने लगी थी। लेकिन ससुराल में काम करके वह बहुत थक जाती थी। बुक लेते ही नींद आने लगती,,,, वह सो जाती,, घर पर ना कोई सहायता करता उसकी काम में और ना ही कोई साधन था पढ़ने का वह करती भी तो क्या लेकिन फिर भी वह एडजस्ट करने लगी। वो दिन आ ही गया जब उसे एग्जाम देने जाना था,, बहुत उमंगे थी उसके दिल में ,,, पेपर सामने आया स्कूल में वह सबसे आगे थी क्युकी पापा के घर पर थी । अब वह पति के घर पर है देखते है क्या हो पेपर का,,,, उसने बहुत प्रश्न हल कर दिए लेकिन उतने नहीं जितने करने थे,, उसकी इतनी तैयारी नहीं हुई थी अबकी बार फिर भी वह खुशी से एग्जाम दे कर आ गई,,,,, घर पर सबने उससे उम्मीद बना ली कि वह तो समझो बन गई टीचर,,,, रिजल्ट का दिन आया उसने अपना नाम कही नहीं पाया लिस्ट में,,, पास नहीं हुई पहली बार वो बहुत रोई कोई सुन भी ना पाया उसकी आवाज,,, घरवाले बोल रहे थे बहार यू ही थोड़ी मिल जाती हैं नोकरी,, पढ़ती तो है नहीं इतना काम भी नहीं है खाली घर का ही तो काम करती है,,,,, ये बाते उसके दिल में चुभ रही थी वह दिन रात काम करके भी टाइम निकाल कर किताब लेती थी। कहा गलती थी उस लडकी की क्या वो ऐसे ही घर के काम कर कर के सपने पूरे करेगी या वो सब छोड़ कर सारे सपने छोड़ कर केवल घर में ही रह जाएगी। वो सोचती में अगर मेरे घर होती तो अच्छे से तैयारी करती पर वो घर भी मेरा नहीं रहा । यही मेरा घर है अब इसी कशमकश में बहुत लडकिया होती है वो अपने सपने पूरे ना कर के घर वालो की सेवा करती है फिर भी लोग ये कह कर उसका दिल जलाते है कि घरपर रहती हैं फ्री ही होती है घर पर ज्यादा काम नहीं होता,,,, ये बात तो वो लडकी बता सकती हैं जिसने घर में रह कर काम किया है और धीरे धीरे अपने सपनों को चुर होते देखा है,,,,,,, कुछ होती है जिनको सपोर्ट मिलता है ससुराल में वो निकल जाती है आगे परन्तु बहुत सी लड़कियों को सपोर्ट भी नहीं मिलता और ऊपर से उनकी असफलता के लिए उनको ही जिम्मेदार बताया गया है,,,, आज की कहानी की लडकी भी बिना सपोर्ट के कुछ नहीं कर पाई और समय का इंतजार करती रही कभी तो बदलेगा वो और वह भी स्कूल जा कर बच्चो को पढ़ाएगी,,
© #mohini