पत्थर टूट जाते हैं।
समय की चाल को समझो कहां ये आप जाते हैं।
समंदर कई दफा हाथों से अपने छूट जाते हैं।
हौसलों की उड़ानों का भरोसा आप भी करिए।
जो शीशे हार ना माने तो पत्थर टूट जाते हैं।
© All Rights Reserved
समंदर कई दफा हाथों से अपने छूट जाते हैं।
हौसलों की उड़ानों का भरोसा आप भी करिए।
जो शीशे हार ना माने तो पत्थर टूट जाते हैं।
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