जन्मदिन
सविता तेज कदमों से दुकान की ओर भागी चली जा रही थी। आज १४ जनवरी थी और उसके छोटे भाई राजेश का जन्मदिन था। उसने जल्दी जल्दी केक पैक करवाया और गिफ्ट खरीदकर घर की ओर चंल पड़ी।
आज राजेश का जन्मदिन था।वह २०वर्ष का होने जा रहा था। राजेश सविता का इकलौता भाई था। मां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राध्यापक थी।एम.एस.सी कर रही सविता को आज कालेज में लैक्चर अटैंड करते कुछ देर हो गई थी।सहायक प्रबंधक रहे उसके पिता का निधन आज से सात वर्ष पहले हो चुका था।वह १२ जनवरी का अशुभ दिन था।
उस समय वह कक्षा१२ में और उसका भाई कक्षा १० में था।उसकी मां ने किसी तरह स्वयं को संभाला था।बस इतना ही उसे याद था।
मां कभी भी भाई राजेश का जन्मदिन मनाना नहीं चाहती थी, पर न मनाने का कारण कभी नहीं बताती थीं।
कोई भी मां इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है,वह कभी कभी यह सोचती थी।
मां से पूछने पर वह भाव विहल हो...
आज राजेश का जन्मदिन था।वह २०वर्ष का होने जा रहा था। राजेश सविता का इकलौता भाई था। मां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राध्यापक थी।एम.एस.सी कर रही सविता को आज कालेज में लैक्चर अटैंड करते कुछ देर हो गई थी।सहायक प्रबंधक रहे उसके पिता का निधन आज से सात वर्ष पहले हो चुका था।वह १२ जनवरी का अशुभ दिन था।
उस समय वह कक्षा१२ में और उसका भाई कक्षा १० में था।उसकी मां ने किसी तरह स्वयं को संभाला था।बस इतना ही उसे याद था।
मां कभी भी भाई राजेश का जन्मदिन मनाना नहीं चाहती थी, पर न मनाने का कारण कभी नहीं बताती थीं।
कोई भी मां इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है,वह कभी कभी यह सोचती थी।
मां से पूछने पर वह भाव विहल हो...