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जीवन सिर्फ अपना नहीं (part 3)
..वह रेल की पटरियों को देख रहा था, दूसरी ओर कुछ बच्चे ट्रैक पे खेल रहे थे | उसने गुस्से से बच्चों को डांटा " ट्रेन के आने का टाइम हो रहा हैँ और तुम लोग पटरी पे खेल रहे हो, जल्दी हटो यहाँ से!"
बच्चे वहाँ से चले गए | साहिल वही बैठ गया |
" तुम्हारा क्या इरादा हैँ भाई कि रेल की पटरियों पे ध्यान लगाने बैठे हो "पीछे से एक आवाज आयी
"क्या मसला हैँ " साहिल ने झल्लाते हुए गर्दन पीछे घुमाई ! एक 40 से 45 वर्ष का...