मैं, टीपूँ और परी (नसीब) …. भाग - ३
तो देखा!
पापा जी दुकान बंद कर घर की तरफ़ आ रहे थे। मेरे मन में ख़ुशी दौड़ पड़ी क्योंकि मुझे उस मोटी आँखों वाली परी 🧚♀️ को देखना था। मैं और पापा जी घर को आ रहे थे और गाड़ी से निकलकर एक आदमी मेरे पापा की तरफ़ आया और मैंने देखा कि वो हँस कर बातें कर रहा थे और गले मिल रहे थे। क्योंकि मैं थोड़ा सा आगे निकल चुका था मैं थोड़ा उनके क़रीब आया तो पापा जी बोले आप घर जाओ और अपनी मम्मी को बोलो आज...
पापा जी दुकान बंद कर घर की तरफ़ आ रहे थे। मेरे मन में ख़ुशी दौड़ पड़ी क्योंकि मुझे उस मोटी आँखों वाली परी 🧚♀️ को देखना था। मैं और पापा जी घर को आ रहे थे और गाड़ी से निकलकर एक आदमी मेरे पापा की तरफ़ आया और मैंने देखा कि वो हँस कर बातें कर रहा थे और गले मिल रहे थे। क्योंकि मैं थोड़ा सा आगे निकल चुका था मैं थोड़ा उनके क़रीब आया तो पापा जी बोले आप घर जाओ और अपनी मम्मी को बोलो आज...