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प्रपोज
सुबह-सुबह अपनी बेटी मधु को दुल्हन की तरह तैयार होते देखकर पुष्पा ने अपने पति विक्रांत के हाथों में चाय का कप थमाते हुए कहा अपनी मधु इन कपड़ों में कितनी सुन्दर लग रही है ना...और अब तो बड़ी भी हो गई है। विक्रांत ने चाय की चुस्कियां लेते हुए अपनी पत्नी की हां में हां मिलाते हुए कहा तुम ठीक कह रही हो पुष्पा.......!!
और फिर दोनों मुस्कुरा उठें...! थोड़ी देर बाद पुष्पा ने विक्रांत से कहा अच्छा एक बात बताइए ..अगर कभी मधु को किसी लड़के ने प्रपोज किया तो ऐसी सिचुएशन में आप क्या करेंगे...??
पुष्पा की बातें सुनकर विक्रांत थोड़ा नर्वस होने लगा शायद उसने इस तरफ पहले कभी सोचा ही नहीं था।
फिर भी उसने जैसे तैसे बातों को मैनेज करने की कोशिश करने लगा और कहा एक मां होने के नाते तुम्हारे मन में इस तरह के सवालों का आना स्वाभाविक है। बाहर का माहौल भी तो ऐसा ही है।पता नहीं किसके मन में क्या चल रहा है.....??पर तुम चिंता मत करो सब अच्छा होगा। विक्रांत ने साफ-साफ कुछ न बताकर घुमा घुमा कर बहुत तरह से पुष्पा को समझने की कोशिश किया। मग़र पुष्पा
के पल्ले कुछ भी नहीं पड़ा।अपने पति कि गोल मटोल बातों को पुष्पा समझ नहीं पाई ।किंतु उनके चेहरे के हाव भाव को पढ़ कर वो समझ गई कि विक्रांत के ज़ेहन में ऐसा कोई सवाल शायद पहले कभी आया ही ना था । फिर दोनों मियां बीवी के बीच बातों का सिलसिला देर तक चलता रहा दोनों एक दूसरे से सवाल पे सवाल किए जा रहें थे।और बीच बीच में एक दूसरे के सवालों के जवाब भी दे रहें थे।तभी विक्रांत ने कहा अच्छा अब तुम्हारी बारी अगर तुम्हारे सामने यही मेरे वाला सेम सिचुएशन आता है तब तुम क्या करोगी...??
पुष्पा ने थोड़ा रुक कर मुस्कुराते हुए कहा सबसे पहले तो मैं आपको यह बताना चाहती हूं ।कि इस सवाल के पीछे मेरा कोई और मनसा बिल्कुल भी नहीं था।मेरे मन में यह विचार आया तो बस मैंने आपसे पूछ लिया।दूसरा मैं यह देखना चाहती थी कि आप केबल अपनी बेटी के स्टाइल में स्टाइल ही मिलाते रहते हैं या फिर उसके लाइफ के बारे में भी सोचते हैं। तीसरी बात अगर बाय चांस कभी मेरे साथ ऐसी कोई सिचुएशन आती है तो सबसे पहले मैं उसका शुक्रिया अदा करूंगी।उसकी भावनाओं का मान रखेगी। उसके बाद उसको अपने माता-पिता को साथ लेकर आने के लिए कहूंगी और उसके माता-पिता से
मिलने के बाद उसके जात बिरादरी रहन-सहन खान पान सगे संबंधियों और रिश्तेदारों के बारे में पूछताछ करूंगी साथ ही अपने परिवार रहन-सहन और सगे संबंधियों का भी परिचय उन्हें दूंगी । उसके बाद ही आगे की सोचूंगी
आखिर मेरी बेटी कि जिंदगी का फैसला है यूं ही खड़े-खड़े थोड़ी ना ले लूंगी...??
किरण