...

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पिता पुत्री.. एक संवाद..
पापा-बेटा अंशु.. !
अंशु-जी पापा.. !
पापा-बेटा, आओ मेरे पास बैठो..!
अंशु-जी पापा.. !
पापा-आज तुमसे कुछ मन की बात करनी है,बेटा.. !
अंशु-जी पापा कहिये ना प्लीज.. !

पापा-बेटा अब तुम बड़े हो रहे हो ना.. और जैसे जैसे बेटियां बड़ी होती हैं एक पिता की चिन्ताएँ भी वैसे ही बढ़ती जाती हैं..

बेटा तुम्हें मैंने तुम्हारे बर्थडे में एक गिफ्ट दिया दिया था याद है, तुम्हें..?

अंशु- हाँ पापा, आपने मुझे बहुत खूबसूरत नेकलेस दिया था, और उसे बहुत हिफ़ाजत से मैंने संभालकर रखा है..!!

पापा-अरे बेटा, उस नेकलेस की इतनी चिंता क्यूं, गुम भी जाये, कोई चुरा भी ले तो क्या पापा फिर तुम्हें उससे अच्छा नेकलेस ला देंगे...!!

अंशु-पापा.. !!!, ये कैसी बात की आपने, वो गिफ्ट मेरे पापा ने मुझे दिया है वो मेरे लिये अपनी जान से ज्यादा कीमती है.. !!

पापा-बेटा पापा का दिया एक छोटा सा गिफ्ट तुम्हें अपनी जान से ज्यादा प्यारा है..
है ना.. !!

अंशु- जी पापा बिलकुल.. !!
पापा- जबकि उसे दूसरा भी ख़रीदा जा सकता है.. है ना बेटा.. !!
अंशु-जी पापा..!!
पापा-मतलब हम हर कीमती चीज बहुत संभालकर रखते हैं.. !
अंशु-जी पापा.. !!

पापा-ठीक वैसे ही हर माँ बाप को हर वक़्त अपनी संतान की चिंता लगी रहती है, क्योंकि वो संतान ही उनकी सारी दुनिया होती है, और यदि वो एक बेटी है तब तो माँ बाप की चिंता और भी बढ़ जाती है.. पूछो क्यूँ..?

अंशु-क्यूँ पापा.. !! बेटी के लिये इतनी फ़िक्र क्यूँ..??
पापा- बेटा, सदियों से एक परंपरा चली आई है, कहते हैं, पिता का घर, एक बेटी के लिये सिर्फ़ उसकी कौमार्य अवस्था तक ही उसका अपना होता है, एक पिता के ऊपर उसकी बेटी की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है,, उसे हर तरह से महफ़ूज रखना माँ बाप का धर्म होता है.. क्योंकि जब उसे किसी सुयोग्य वर को सौपा जाये.. तब उसका भविष्य सुखमय बना रहे..
इसीलिए बेटी को हर माँ बाप अच्छे से अच्छे संस्कार देते हैं.. उसे हर परिस्थिति का सामना करना सिखाते हैं.. और भी वो सब कुछ जो आगे चलकर बेटी को एक शिक्षा के रूप में काम आये.. !!
पिता के घर बेटी को हर तरह का लाड़ प्यार बेसुमार देते हैं, क्योंकि माँ बाप इस बात को जानते हैं कि जो कुछ कुछ वो अपनी बेटी के लिये कर पायेंगे, क्या पता आगे उसे कभी कोई उतना प्रेम दुलार, खुशियाँ दे पायेगा या नहीं.. !!
बेटा, पिता के घर पर अगर बेटी के चरित्र को लेकर कोई सवाल खड़ा हो जाये.. तो एक पिता का सर समाज के आगे झुक जाता है, उसकी परवरिश, उसके संस्कारों पर, लोग तरह तरह की बातें करने लगते हैं.. !!
कुछ ऐसी ही बातें हैं बेटा, जिसके लिये आज पापा ने तुम्हें ये सब बताया है,,
हम तुम्हें बहुत प्यार करते हैं बेटा,, और तुम्हें ज़रा भी कोई तकलीफ हो जाये, या तुम्हें रोता हुआ देखें तो हमारे प्राण सूख जाते हैं..

तुम पर कोई पाबन्दी नहीं रखना चाहते बेटा, तुम्हें जिसमें खुशी मिले वो करो.. पर तुम अब जिस उम्र में कदम रख रहे हो.यहाँ अक्सर बच्चे ना चाहते हुये भी जल्दबाजी में, ऐसा कदम उठा जाते हैं जिससे खुद भी बाद में पछताते हैं और उनके माँ बाप को भी बेहद तकलीफ दे जाते हैं.. ये उम्र बहुत जल्दी किसी के प्रभाव में, आकर्षित हो जाती है, और बेटा यहीं तुम्हें सम्भला होगा..
अपने पापा के लिये.. पापा के मान सम्मान के लिये.. इस उम्र में अपने पापा का प्यार हमेशा साथ रखना, तो तुम कभी किसी गलत दिशा पर पैर नहीं रखोगे...!!
....बेटा मेरी बातों को गहराई से समझना..

एक पिता इस ज़माने में यदि सर उठाकर चलता है तो इसके पीछे उसकी बेटी के संस्कार होते है..
अंशु-जी पापा.. !
पापा-...बेटा हमें तुम्हारी बहुत चिंता होती है.
पापा-बेटा अंशु...तुमने अपना आदर्श किसे माना है... कोई देव,महापुरुष, कोई दार्शनिक, या कोई और..?
-तुम्हारा कोई ऐसा दोस्त है जो तुम्हारा विश्वास कभी ना तोड़े..?
अंशु- पापा,इनमें से मेरा आदर्श कोई नहीं पापा..!!
मेरा आदर्श, मेरे बेस्ट फ्रेंड तो आप हो पापा..!!
आपकी बेटी हूँ ना पापा... चाहे दुनिया सोने की हो जाये, चाहे सूरज चाँद जमीं पर उतर आयें, पर आपकी बेटी...कभी विचलित नहीं होगी पापा... !!
मुझ पर आपके दिये संस्कार, और आपका प्यार मेरे लिये एक कवच है,, जिसे कोई आकर्षण भेद नहीं सकता...
आपकी बेटी हूँ आपका सर हमेशा गर्व से ऊँचा रहेगा पापा..!! पापा आपने कितने प्यार से मुझे अपने जीवन की शिक्षा दी, काश मुझसे पापा सबको मिले.. और हर लड़की अपने पापा की दी शिक्षा पर चलकर पिता का मान बढ़ाये..
पर पापा, कभी मुझे पराया मत कहना..
मेरे पापा... !! अगर मैं आपकी लाड़ली बेटी हूँ, तो आप मुझे प्राणों से प्यारे हो पापा...

पापा-ओह मेरी प्यारी बेटी...(कहकर पापा बेटी को अपने सीने से लगा जाते हैं..
और दोनों की आँखें पावन गंगा बन जाती हैं.. !!)
ये होते हैं संस्कार.. जिसका बीजारोपण बच्चों के हृदय में तब किया जाये जब उनका हृदय माँ बाप के प्रेम रुपी जल से तर बतर हो..!!






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