...

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एक गुनाह तो मुझसे भी हुआ था...
हा मेरे हाथो एक अपराध हुआ है
मैं ऐसा कुछ करना नही चाहती थी
पर रोज रोज के टॉर्चर से मैं परेशान हो चुकी थी
हर जगह वो मुझे स्टॉक करता था
ऐसी कोई जगह नही थी जहा वो मुझसे टकराया नही
बार बार सामने आ जाना
फिर सिटी बजाना...अश्लील गाने गाना
उसकी वो बेसूरी आवाज..और उसकी वो विकृप्त छवि
परेशान कर के रख दिया था
सहनशीलता की भी अपनी एक...