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Chapter 3 क्या देविका भी नागिन है.
तपस्या की रात से एक दिन पहले देविका के पिता जी और देविका मंदिर गए थे। देविका के पिताजी को कुछ काम से बाहर जाना था परिवार में केवल देविका और मोहनलाल ही थे। देविका की माँ की मृत्यु देविका के जन्म के कुछ दिन बाद ही हो जाती है। अब देविका को उसके पिता जी ही संभालते हैं। पूर्णिमा की रात से पहले देविका के पिताजी, पंडितजी यानी नागराज को बताते हैं कि उनको कुछ काम से बाहर जाना है और वह देविका को साथ नहीं ले जा सकते। पंडित जी अब मोहन लाल के मित्र हैं और अच्छे इंसान भी तो मोहन लाल ने फैसला किया है कि वह देविका को पंडित जी के पास छोड़कर चले जाएंगे। 💭💭💫💕




अगले ही दिन नागराज को अपनी तपस्या भी करनी थी। देविका को संभालने का भार भी उनके सर आ गया। .नागराज ने सोचा कि वे देविका को कमरे के अंदर सुलाकर अपनी तपस्या पूरी कर लेंगे। वैसे भी देविका अभी 5 साल की छोटी बच्ची है अगर वह गलती से कुछ देख भी लेगी तो नागराज उसकी यादाश्त को अपनी शक्तियों से मिटा देंगे। नागराज ने ये सब बाते सोचते हुए देविका को एक - दो  दिन के लिए अपने पास रख लिया। मोहन लाल देविका को नागराज के पास छोड़ने के बाद वहा से चले...