...

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एहसास
शांता ओ शांता तेरी तबियत तो ठीक है ना
हाँ माँ बस आंख लग गयी थी

कोई बात नहीं पर अभी से चौके का काम करना सीख ले कहीं ये ना कहे माँ ने कुछ नहीं सिखाया


शांता - अभी से क्या टेंशन लेना माँ अभी तो मेरी शादी मे समय बाकी है

माँ - कोई रिश्ता तेरे लिए अच्छा दिखा तो रिश्ता पक्का कर दूंगी

शांता - पर माँ इतनी जल्दी अभी तो मेरी कॉलेज की पढ़ाई बाकी है

माँ - पर पढ़ाई तो तू शादी के बाद भी जारी रख सकती है

शांता - ठीक है माँ जैसा आपको ठीक लगे

माँ शांता को लाड़ करके अपने कमरे मे चली गयी
कॉलेज का सेकंड ईयर कम्प्लीट हुआ

और शांता के लिए रिश्ता आया
वैसे तो शांता की इच्छा नहीं थी पर माँ की खुशी की खातिर मान गयी

शांता की शादी हुई
शांता अजय से दूर जाती उससे बात कम करती
अजय को लगा शांता उसे पसंद नहीं करती

अजय तकिया लेकर बाहर जाने लगा
आप बाहर क्यों जा रहे है लोग क्या सोचेंगे यही सो जाइए

मुझे लगा तुम्हें मैं पसंद नहीं मैंने बचपन से किसी का प्यार नहीं पाया मैं बाहर चला जाता हूँ
मुझे बस थोड़ा समय चाहिए था ये तो नहीं कहा मैंने की आपको पसंद नहीं करती

ये तो तुम्हारी आंखे बता रही है जैसे तुम इस शादी के लिए अभी तैयार नहीं थी

शांता चुप हो गई
कोई बात नहीं अगर तुम मुझे पसंद नहीं करती
मैं ये बात किसी को नहीं कहूँगा

हाँ पहले मे तैयार नहीं थी
पर आपको शादी के बाद जाना आप इतने अच्छे है
अब मैं आपसे प्यार करने लगी हूं

शांता प्यार कहकर नहीं जताया जाता प्यार तो हो जाता है

आप कितना अच्छा बोलते हैं

कहकर शांता अजय के गले लग गयी
अजय मंद मंद मुस्कुरा रहा था
और सोंचने लगा शांता कहां मुझे इग्नोर करती थी आज अचानक प्यार का इजहार कर दिया

ये बात अजय के लिए खास थी
अजय ने मनुहार भरी नजरों से शांता को देखा जैसे पूछ रहा हो क्या आपको बांहों मे लेने का हक है

आप ऐसे प्रश्नवाचक निगाह से ना देखे मैं आपकी ही हूं आपको पूछने की जरूरत नहीं है बस थोड़े दिन मे कहीं घूमने ले चलना
जरूर मेरी प्रियतमा

अजय ने शांता को गले लगाया
वक़्त मानो वही रुक गया

इतना सुकून या तो शांता को माँ के गले लगाने पर मिला था या आज मिला ।

समाप्त
28/4/2024
6:36 शाम
Pic Credit - Pinterest
© ©मैं और मेरे अहसास