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माँ
माँ शब्द छोटा है लेकिन इसका सम्मान ज्यादा है जब औरत को पता चलता है की वो माँ बनने वाली है तब से ही बच्चें का ध्यान रखना शुरू करती है और जब बच्चे का जन्म होता है वो माँ के आँखों में से आँसू सच्चा प्यार होता है
माँ इतनी खुश हो जाती है जब वह अपने बच्चे के मुँह से पहली बार माँ सुनती है बच्चों का पहला मंदीर माँ होती है क्योंकि माँ अपने बच्चों को अच्छे संस्कार और ज्ञान की शिक्षा देती है
जब भी बच्चों को चोट लगता है उनके मुँह से माँ ही निकलता है और उस चोट को देख कर माँ अपने बच्चे के प्रति परेशान हो जाती है
माँ ही है जो अपने बच्चे की उंगली पकड़कर उसे चलना सिखाती है
माँ से बढ़कर कोई भी अपने बच्चे का देखबाल नहीं कर सकती
जब बच्चे को असफलता का सामना करना पड़ता है तो माँ ही अपने बच्चे को प्रेरित करती है
दुनिया में अगर कोई रिश्ता पवित्र है तो वो है माँ और बच्चे का रिश्ता जिसमे माँ का निस्वार्थ प्रेम होता है अपने बच्चों के प्रति
© Kushi2212