सोच का सच
तुम खुद से क्या कहते हो उससे फर्क पड़ता है ....ध्यान से पढ़ना..गहरा है
जानते हो....
रास्ता नहीं होना और रास्ता दिखाई नहीं देना दोनों अलग बातें हैं..
रास्ता नहीं दिखने के कई कारण हो सकते है..
सामने एक मोड़ हो..आगे कोहरा हो.. तुम गलत दिशा में देख रहे हो कुछ भी हो सकता है..
शायद तुम्हारे लिए बात एक ही है परिणाम एक ही है कि तुम आगे नहीं बढ़ रहे हो..
लेकिन तुम अपने दिल से क्या कह रहे हो इससे फर्क पड़ता है..
कि तुम खुद से निराशा की बात कर रहे हो या संभावना की बात भी कर रहे हो...
तुम्हारा दिल बहुत ही सीधा है
तुम जो कहते हो वो सच मानता है.. तो अगली बार जो अपने दिल को कहना वो सोच समझ कर कहना खुद से.
जैसा सोचोगे उधर की राह आसान होगी और मंजिल भी एक दिन कदमों में होगी।
#curated
जानते हो....
रास्ता नहीं होना और रास्ता दिखाई नहीं देना दोनों अलग बातें हैं..
रास्ता नहीं दिखने के कई कारण हो सकते है..
सामने एक मोड़ हो..आगे कोहरा हो.. तुम गलत दिशा में देख रहे हो कुछ भी हो सकता है..
शायद तुम्हारे लिए बात एक ही है परिणाम एक ही है कि तुम आगे नहीं बढ़ रहे हो..
लेकिन तुम अपने दिल से क्या कह रहे हो इससे फर्क पड़ता है..
कि तुम खुद से निराशा की बात कर रहे हो या संभावना की बात भी कर रहे हो...
तुम्हारा दिल बहुत ही सीधा है
तुम जो कहते हो वो सच मानता है.. तो अगली बार जो अपने दिल को कहना वो सोच समझ कर कहना खुद से.
जैसा सोचोगे उधर की राह आसान होगी और मंजिल भी एक दिन कदमों में होगी।
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