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वक़्त
एक आदमी ऑफिस के काम में व्यस्त था। वह सुबह जल्दी ऑफिस चला जाता था और देर शाम ऑफिस से लौटता था। एक दिन यह आदमी किसी कारणवश जल्दी घर आ गया। पिता को जल्दी घर आते देख उसका 7-8 साल का बेटा थोड़ा घबरा गया।

बेटे ने अपने पिता से पूछा, "पिताजी, अगर आप इतना काम करते हैं, तो आपकी कंपनी आपको कितना वेतन देती है?" आदमी ने जवाब दिया कि बेटा मुझे घंटे के हिसाब से तनख्वाह मिलती है, इसलिए अगर मैं एक घंटे काम करता हूं तो मुझे 500 रुपये मिलते हैं।

बेटे ने अपने पिता से कहा, "पापा, मैं चाहता हूं कि आप मुझे 300 रुपये दें। रुपये देने की बात तो दूर थी, लेकिन बच्चे के गाल पर एक छोटा सा वार हो गया। बच्चा रोता रहा। कुछ देर बाद ये आदमी सोचा था कि मेरे इस बेटे ने मुझे किसी दिन पांच पैसे दिए थे, लेकिन पूछा नहीं और आज इतनी बड़ी रकम क्यों मांगी होगी?

वह बेटे के पास गया, प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा और बटुए से 300 रुपये निकालकर उसके हाथ में रख दिए, फिर पूछा। 'बेटा, यह बताओ कि तुम इस 300 रुपये का क्या करना चाहते हो? "लड़का खड़ा हुआ, अपनी बोरी खोली और सारा विविध सामान निकाल लिया और इन विविध वस्तुओं से जेब भर ली और अपने पिता द्वारा दिए गए 300 रुपये खा लिए।

खोबो अपने पिता की ओर मुड़ा और बोला, 'पिताजी ने मेरे गदा के डिब्बे में 200 रुपये जमा किए और आपने 300 दिए, तो यह 500 रुपये हो गए। अब आप कह रहे थे कि अगर आप एक घंटे काम करेंगे तो कंपनी आपको 500 रुपये देगी। पापा मैं आपको एक घंटे के 500 रुपए देता हूं, आप मुझे अपना एक घंटा दीजिए। मेरे साथ बैठो और बात करो।"

बच्चों को न केवल सुविधाएं चाहिए बल्कि समय और प्यार भी चाहिए। पैसा कमाने की होड़ में हम यह भी सोचें कि पैसा कमाने जाते समय हम कहीं कुछ खो न दें कि कमाया हुआ पैसा खर्च करने पर भी खोया हुआ पैसा वापस ना मिले..!!

© Shagun