!...लव–जिहाद...!
मैं एक ऐसी दुनिया में रहता हूं जहां शायद ही कोई बिना प्यार के रह सकता हो, मुझे तो नहीं लगता क्योंकि इस पृथ्वी पर सांस लेने वाला हर प्राणी चाहे वो इंसान हो जानवर हो पेड़ पौधे हो या चरिंदे परिंदे हो, पानी में रहने वाले जीव हो या कीड़े मकोड़ों से लेकर सुस्मदर्शी जीव कोई भी हो सबको प्यार चाहिए!
फिर प्यार करना जिहाद कैसे हो सकता है मैं इस बात को लेकर हमेशा सोचता हूं, मेरे वतन में जब कोई प्यार करके एक दूसरे के करीब आता है और फिर उनमें कुछ मन...