प्रेम में औकात...प्रेम की औकात से बड़ी कैसी..!!
यूं कहें तो मोहब्बत और औकात का कोई रिश्ता नहीं होता ... लेकिन आजकल अगर आप किसी से बोलते हो कि मुझे तुमसे प्यार हो गया तो...उसका सबसे पहले यही सवाल होता है... तुम्हारी औकात क्या है..??? क्या तुम प्रेम कर सकते हो..?? पहले अपनी पहचान बना लो, कुछ कर लो अपने लिए तब आना मेरे पास, मैंने भी सुनी हैं ये बातें.. कि पहले पहचान बनाओ,जितना मां बाप ने तुम्हारे लिए किया है उनका जरा सा भी उन्हें लौटा पाओ फिर सोचना... आज तक किया कुछ नहीं बस इनको प्रेम करना है... तो कभी मौन हो जाती हूं ये सोचकर कि ये सच ही तो है कि मैंने अभी तक किया ही क्या...मेरी कोई पहचान...