भूत का कहर एक मासूम पर💀☠️
#WritcoStoryPrompt67
मैं बचपन से ही भूतों की कहानियां सुना और पढ़ा करती थी
और अपनी हरकतों से लोगों को डराया भी करती थी इस वजह से जब भी कोई बच्चा या बड़ा कोई भी अगर डरता था तो नाम मेरा ही लिया जाता था की हम ने ही डराया होगा बचपन से नानी के पास रहने की वजह से हम बहुत बिगड़ भी चुके थे क्योंकि वहां हमें न कोई डांटता था न नानी किसी को डांटने देती थी तो हम अक्सर ऐसी हरकतें कर भी दिया करते थे डर तो किसी का रहता ही नहीं था हमें
पर हमें क्या पता था जिसे हम खेल समझते हैं वो एक रोज़ मेरे लिए ही मुसीबत बन जाएगी.
एक बार की बात है जब हम school में अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे क्यूंकि उस समय lunch time था और सभी बच्चे अपना lunch जल्दी जल्दी खत्म करके खेलने लगे थे दोपहर का time और गर्मी का समय था बड़े से गेट के आसपास छोटे छोटे फूलों के पौधों लगे थे गांव के किनारे खेतों और बागों के बीच छोटा सा schoolथा हमें खेलने के लिए अलग से कोई मैदान भी नहीं था school के सामने आम का एक बाग था हम सब वही खेला करते थे खेलते खेलते प्यास लग रही थी तो दौड़ते हुए हम अपने class room की तरफ गए उस समय हम 6th में थे .
हम अपने Class room में आए तो हम ने देखा हमारे साथ की एक लड़की room के पिछले हिस्से में बैठ कर अपना सर निचे को झुका कर कुछ बुदबुदा रही थी उसके बाल बिखरे हुए थे और उसका school uniform पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ था....
मैं बचपन से ही भूतों की कहानियां सुना और पढ़ा करती थी
और अपनी हरकतों से लोगों को डराया भी करती थी इस वजह से जब भी कोई बच्चा या बड़ा कोई भी अगर डरता था तो नाम मेरा ही लिया जाता था की हम ने ही डराया होगा बचपन से नानी के पास रहने की वजह से हम बहुत बिगड़ भी चुके थे क्योंकि वहां हमें न कोई डांटता था न नानी किसी को डांटने देती थी तो हम अक्सर ऐसी हरकतें कर भी दिया करते थे डर तो किसी का रहता ही नहीं था हमें
पर हमें क्या पता था जिसे हम खेल समझते हैं वो एक रोज़ मेरे लिए ही मुसीबत बन जाएगी.
एक बार की बात है जब हम school में अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे क्यूंकि उस समय lunch time था और सभी बच्चे अपना lunch जल्दी जल्दी खत्म करके खेलने लगे थे दोपहर का time और गर्मी का समय था बड़े से गेट के आसपास छोटे छोटे फूलों के पौधों लगे थे गांव के किनारे खेतों और बागों के बीच छोटा सा schoolथा हमें खेलने के लिए अलग से कोई मैदान भी नहीं था school के सामने आम का एक बाग था हम सब वही खेला करते थे खेलते खेलते प्यास लग रही थी तो दौड़ते हुए हम अपने class room की तरफ गए उस समय हम 6th में थे .
हम अपने Class room में आए तो हम ने देखा हमारे साथ की एक लड़की room के पिछले हिस्से में बैठ कर अपना सर निचे को झुका कर कुछ बुदबुदा रही थी उसके बाल बिखरे हुए थे और उसका school uniform पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ था....