मेरी उम्मीद ❣️🥺✍️
समझ नहीं आता जीवन में क्या हो रहा है जब-जब किताबें खोलते हैं अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद में हजारों सवाल दिमाग में आ जाते हैं कुछ जिम्मेदारियां हैं माता-पिता की उम्र हो रही है और हमारी तैयारी से नौकरी अभी तक हमारे हाथ नहीं लगी है हम कोशिश करते हैं लेकिन कोशिश कर करके कहीं ना कहीं हार जाने को दिल करता है अब किताबें खोलते हैं तो कुछ सवाल दिमाग में प्रकट होते हैं यह सवाल किताब में उभर कर आ जाते हैं और किताब के सवाल कहीं नीचे दब कर रह जाते हैं हम इन सवालों को सुलझाने में लगे रहते हैं कैसे होगा क्या होगा हो भी पाएगा कुछ पर विडंबना यह है कि हम कर कुछ नहीं सकते और इस समय जीवन इस तरीके से परीक्षा ले रहा है ऐसा...