वो शाम.....वो चाय....
6:00 बजने वाले हैं, उसने घड़ी में देखा-
" अरे यह तो उनके आने का वक्त हो गया है !"
उसे जल्दी से चाय बनने के लिए पतीला गैस पर चढ़ा दिया, तभी उसे ख्याल आया कहीं साडियाँ बिस्तर पर ही तो नहीं रखदी उसने | उनको तो बिल्कुल भी फैला हुआ कमरा पसंद नहीं है| गैस कम करके अपने बेडरूम में देखने गई |देखा तो वहाँ कुछ भी नहीं था|पलट कर आ ही रही थी कि उसकी नज़र आईने में पड़ी-" यह क्या बिखरे से बाल , बेतरतीब साड़ी और मुर्झाया-सा...
" अरे यह तो उनके आने का वक्त हो गया है !"
उसे जल्दी से चाय बनने के लिए पतीला गैस पर चढ़ा दिया, तभी उसे ख्याल आया कहीं साडियाँ बिस्तर पर ही तो नहीं रखदी उसने | उनको तो बिल्कुल भी फैला हुआ कमरा पसंद नहीं है| गैस कम करके अपने बेडरूम में देखने गई |देखा तो वहाँ कुछ भी नहीं था|पलट कर आ ही रही थी कि उसकी नज़र आईने में पड़ी-" यह क्या बिखरे से बाल , बेतरतीब साड़ी और मुर्झाया-सा...