युवाओं के लिए कुछ नुस्खे
हालात ये है कि टीचर ने स्कूल में कुछ बोल दिया, बॉस ने ऑफिस में डांट दिया, क्रश ऑनलाइन होने के बाद भी रिप्लाई नही दे रही या ऑनलाइन कोई इग्नोर कर दिया, आजकल की पीढ़ी डिप्रेशन में ही चली जाती है।
अभी एक सेमिनार में गया था वहां एक 4th क्लास का बच्चा बोल रहा था कि इंग्लिश न्यूजपेपर फ्लूएंटली न पढ़ पाने के वजह से डिप्रेस्ड है, एक हम थे जो 4th में ब्यूटीफुल की स्पेलिंग याद होने के बाद अकड़ के घूमते थे 😂
पहली बात तो हर कोई दुसरो से तुलना करके खुद को दुखी कर लेता है। ये भूल जाते है की जिस से तुलना कर रहे है, उसकी आप से भी ज्यादा लगी पड़ी है। हर किसी की परिस्थितियां अलग है और चैलेंज भी।
मैं ये होता तो अच्छा होता, ये मिल जाता तो फिर जिंदगी में कुछ टेंशन ही नही रहती, ऐसा हुआ होता तो लाइफ ही सेट थी फिर!! यकीन मानिए ऐसे खयालात दिमाग में लाते है फिर कभी बेहतर की तलाश में हमेशा भागते रहेंगे। महत्कांक्षी बनिए, कुंठित नही!! यत् भवतः अस्ति, तत् भवतः आगच्छति। जो आपका है वो आपके पास आता है।
वाइब्स मैच होना, वीयर्ड फील करना, नेगेटिव एनर्जी ऑब्जर्व करना, ये सब नए युग के चोंचले है। इन सब के बारे में सोच कर खुद का ही मेंटल पीस डिस्टर्ब होगा। आप सही रहिए, सब सही होगा। सहज रहे, सुकून मिलेगा।
पैसा सब कुछ तो नही, लेकिन बहुत कुछ है। पैसे के पीछे मत भागिए, लेकिन पैसा कमाइए(सही तरीके से) वो अलग बात है कि अमीर और गरीब दोनो दुखी है। माइक्रोमैक्स वाले भी परेशान है और आई फोन वाले भी रो रहे है, बेहतर होगा कि आई फोन लेकर ही रोया जाए।
अगर मोटिवेशनल वीडियो के शौकीन है तो तत्काल प्रभाव से त्याग दीजिए। ये लोग चने के झाड़ पर ही चढ़ाते है, जिसका हकीकत से कोई लेना देना नही है। सुनना ही है तो किसी अच्छे संत का प्रवचन ही सुन लीजिए। भले अंदर आग न जले (इन मोटिवेटरो के हिसाब से), लेकिन आत्मविश्वास जरूर निखर के सामने आएगा।
दुनिया में आए हो तो हर किसी से जज किए जाओगे। मुहल्ले की आंटी से लेकर ऑफिस का peon, रिश्तेदारों से लेकर सोशल मीडिया पर आपको देखने वालो तक, हर कोई आपके बारे में कोई न कोई धारणा बनाएगा। बनाने दो हमारा क्या जाता है 😂
रोज कुछ न कुछ पढ़ते या सीखते रहिए, इससे कॉन्फिडेंस बढ़ता है। यकीन मानिए, 99% लोग आधी अधूरी जानकारी लेकर दूसरो पर प्रभाव झाड़ने की कोशिश करते है। इंसानी मन तुरंत किसी से प्रभावित होना शुरू हो जाता है। कॉन्फिडेंस रहेगा तो फालतू लोगो से कम प्रभावित होंगे।
भावनात्मक और संवेदनशील लोग हमेशा दुनिया के लिए सॉफ्ट टारगेट होते है, जिनका इस्तेमाल लोग अपने मतलब के लिए कर जाते है। संवेदनशील हो तो दर्शाया मत करो, नही तो बेवकूफ बना दिए जाओगे।
पीठ पीछे लोग हमेशा हंसते रहेंगे, चाहे आप देश के प्रधानमंत्री बन जाओ। हर कोई सभी के लिए अच्छा नहीं हो सकता। बस आप कोशिश कीजिए की पीठ पीछे किसी की बुराई न करे। क्योंकि हम जो करते है, घूम फिर के हमारे पास ही आता है।
लिस्ट बहुत लंबी है, बाकी फिर कभी......
अभी एक सेमिनार में गया था वहां एक 4th क्लास का बच्चा बोल रहा था कि इंग्लिश न्यूजपेपर फ्लूएंटली न पढ़ पाने के वजह से डिप्रेस्ड है, एक हम थे जो 4th में ब्यूटीफुल की स्पेलिंग याद होने के बाद अकड़ के घूमते थे 😂
पहली बात तो हर कोई दुसरो से तुलना करके खुद को दुखी कर लेता है। ये भूल जाते है की जिस से तुलना कर रहे है, उसकी आप से भी ज्यादा लगी पड़ी है। हर किसी की परिस्थितियां अलग है और चैलेंज भी।
मैं ये होता तो अच्छा होता, ये मिल जाता तो फिर जिंदगी में कुछ टेंशन ही नही रहती, ऐसा हुआ होता तो लाइफ ही सेट थी फिर!! यकीन मानिए ऐसे खयालात दिमाग में लाते है फिर कभी बेहतर की तलाश में हमेशा भागते रहेंगे। महत्कांक्षी बनिए, कुंठित नही!! यत् भवतः अस्ति, तत् भवतः आगच्छति। जो आपका है वो आपके पास आता है।
वाइब्स मैच होना, वीयर्ड फील करना, नेगेटिव एनर्जी ऑब्जर्व करना, ये सब नए युग के चोंचले है। इन सब के बारे में सोच कर खुद का ही मेंटल पीस डिस्टर्ब होगा। आप सही रहिए, सब सही होगा। सहज रहे, सुकून मिलेगा।
पैसा सब कुछ तो नही, लेकिन बहुत कुछ है। पैसे के पीछे मत भागिए, लेकिन पैसा कमाइए(सही तरीके से) वो अलग बात है कि अमीर और गरीब दोनो दुखी है। माइक्रोमैक्स वाले भी परेशान है और आई फोन वाले भी रो रहे है, बेहतर होगा कि आई फोन लेकर ही रोया जाए।
अगर मोटिवेशनल वीडियो के शौकीन है तो तत्काल प्रभाव से त्याग दीजिए। ये लोग चने के झाड़ पर ही चढ़ाते है, जिसका हकीकत से कोई लेना देना नही है। सुनना ही है तो किसी अच्छे संत का प्रवचन ही सुन लीजिए। भले अंदर आग न जले (इन मोटिवेटरो के हिसाब से), लेकिन आत्मविश्वास जरूर निखर के सामने आएगा।
दुनिया में आए हो तो हर किसी से जज किए जाओगे। मुहल्ले की आंटी से लेकर ऑफिस का peon, रिश्तेदारों से लेकर सोशल मीडिया पर आपको देखने वालो तक, हर कोई आपके बारे में कोई न कोई धारणा बनाएगा। बनाने दो हमारा क्या जाता है 😂
रोज कुछ न कुछ पढ़ते या सीखते रहिए, इससे कॉन्फिडेंस बढ़ता है। यकीन मानिए, 99% लोग आधी अधूरी जानकारी लेकर दूसरो पर प्रभाव झाड़ने की कोशिश करते है। इंसानी मन तुरंत किसी से प्रभावित होना शुरू हो जाता है। कॉन्फिडेंस रहेगा तो फालतू लोगो से कम प्रभावित होंगे।
भावनात्मक और संवेदनशील लोग हमेशा दुनिया के लिए सॉफ्ट टारगेट होते है, जिनका इस्तेमाल लोग अपने मतलब के लिए कर जाते है। संवेदनशील हो तो दर्शाया मत करो, नही तो बेवकूफ बना दिए जाओगे।
पीठ पीछे लोग हमेशा हंसते रहेंगे, चाहे आप देश के प्रधानमंत्री बन जाओ। हर कोई सभी के लिए अच्छा नहीं हो सकता। बस आप कोशिश कीजिए की पीठ पीछे किसी की बुराई न करे। क्योंकि हम जो करते है, घूम फिर के हमारे पास ही आता है।
लिस्ट बहुत लंबी है, बाकी फिर कभी......