#जंगल..
#जंगल
मैंने कहा था... 'स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है।'.. सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा।
उफ्फ ! नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा। ये जंगल भी ना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । पंचर टायर को हम कितनी दूरी तक घसीटते रहेंगे..?' कहते हुए सुदीप के माथे पर बल और प्रस्वेद की बूंदे भी दिखाई देने लगे ! बात भी तो सही थी । यह कोई मामूली जंगल नहीं था जो झट से खत्म हो जाये। पूरा इलाका सगुवन या साग वृक्ष से आच्छादित हरे, ऊंचे और घने पेडों में ढंका यह पूर्वी आदिवासी पट्टी के गाढ जंगल थे। जो कि मध्यप्रदेश, गुजरात महाराष्ट्र की सीमाओं पर स्थित है। पेट्रोल का खर्च बचाने की लालच में गुगल मेप पर भरोसा कर सुदिप और उनके दोस्तों ने यह रास्ता चुना था।
खत्म होता मोनसून वैसे भी बडा लुभावना होता है। प्रकृति अपने पूरे असबाब में खिलकर प्रगल्भिता-सी बन जाती है। चारों ओर हरियाली,...
मैंने कहा था... 'स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है।'.. सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा।
उफ्फ ! नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा। ये जंगल भी ना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । पंचर टायर को हम कितनी दूरी तक घसीटते रहेंगे..?' कहते हुए सुदीप के माथे पर बल और प्रस्वेद की बूंदे भी दिखाई देने लगे ! बात भी तो सही थी । यह कोई मामूली जंगल नहीं था जो झट से खत्म हो जाये। पूरा इलाका सगुवन या साग वृक्ष से आच्छादित हरे, ऊंचे और घने पेडों में ढंका यह पूर्वी आदिवासी पट्टी के गाढ जंगल थे। जो कि मध्यप्रदेश, गुजरात महाराष्ट्र की सीमाओं पर स्थित है। पेट्रोल का खर्च बचाने की लालच में गुगल मेप पर भरोसा कर सुदिप और उनके दोस्तों ने यह रास्ता चुना था।
खत्म होता मोनसून वैसे भी बडा लुभावना होता है। प्रकृति अपने पूरे असबाब में खिलकर प्रगल्भिता-सी बन जाती है। चारों ओर हरियाली,...