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Kaise Meena Ji Se Mulaqat Hui
तारीख थी 13/03/2020। मेरे पिता ने YouTube से मेरे को एक गीत सुनाया। मैंने पहले गाना सुनी। गीत था "चलते चलते यूँही कोई मिल गया था"। मैं एक महिला के गाने के वीडियो को नाचते हुए देखी। अपने पिता से पूछें कि क्या नाम हैं इनका?पूछने पर मालूम हुआ, अभिनेत्री का नाम "मीना कुमारी" है। देखने में चरित्रवान और सुंदर, वैसे मेरी नज़रों में तो वो मेरे लिए एक परी हैं। मैं मीना जी के बारे में जानने के लिए बेताब हो गयी । मैंने उनके बारे में बहुत उत्सुकता और आशा के साथ जानना शुरू किया। पढ़के उनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिला मेरेको।मेरा कोई इख्तियार नहीं हैं उनके जन्नत जैसी खूबसूरती अपने अल्फाजों या लफ़्ज़ों में बयान दूं। जीवन उनकी ट्रदेजी से भरी थी, शायद इसीलिए उसका नाम ट्रेजेडी क्वीन भी है। मैंने कुछ फिल्में देखीं है उनके। महान अभिनय , क्या अभिव्यक्ति है! ऐसा अभिनय करना बहुत मुश्किल हैं।मैं उनसे बहुत प्रभावित हुई हूं। कुछ ही दिनों में मैंने उनके बारे में बहुत कुछ जान लिया। मीनाजी की तस्वीर देखकर ना जाने क्यू लगता है कि वह मुझ कई हसरतों का इलिम करवाना चाहती हैं। मुझे पता है कि यह मन की भूल है, फिर भी लगता हैं उनसे मेरा कुछ वाबस्ता ज़रूर है। मुझे पता है कि उनको बहुत दुखों से गुजरना पड़ा है, लेकिन मुझे उनकी तरह बनना है , पता है नहीं हो पाऊंगी बस खवाबों के तौर पर ही रह जाएगा।उनकी आवाज़, जुल्फें,निगाहें,बेखुदी, हसीन पलखें ,हुनर, महताब की तरह हसमुख चेहरा, अफसून जैसा जिस्म , और ना जाने क्या क्या वजह है वो मेरी तसव्वुर और खवाबों में बस्सी हुई है।उनकी ज़िन्दगी का लम्हा बहुत ही कम था। मेरी उनसे इल्तेज़ा है वो मुझे दुआयें दे कि मैं अपनी मंज़िल तक पहुंच जाऊं।अगर आज वो भगवान के इनायत से इस आलम में मौजूद होती तो मैं उनसे यह इज़हार करती की जब फिरदौस का फरिश्ता अपको फाकर के साथ कहीं इस जहां से दूर ले जाएगा तभी मेरेको भी अपने साथ अपनी दासी बनाकर लेकर ले चले।
अपने छोटे जीवन में,उन्होंने बहुत कुछ देखा, और सीखा है। मुझे उनके बारे में इतनी बात नहीं करनी चाहिए, आखिर मैं कौन हूं, उनकी कोई अपनी तो नहीं हूं । उनकी इस्मत को में लफ़्ज़ों शायद कभी ताबीर ना कर पाऊंगी।कहीं न कहीं मैं उनकी सबसे बरी "फैंस" में से एक हूं। मैंने अपने लेखन में कुछ और नहीं लिख पाऊंगी , मुझे लगता हैं उनके गजब की जिंदगी के अफसानों से अभितक अर्जुन का कोहरा नहीं हटा है।
बस में यह ही हसरत रखती हूं कि उनकी(मीना कुमारी) ज़िन्दगी की इब्तिदा ना जाने बगैर कोई मसनुई कहानियां ना फैलाएं।
मेरे लिए तो अभी भी वो मरहूम हैं।
© PAKHEEZA