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मेरी मोहब्बते
मोहब्बत का दूसरा नाम 'प्यार' है। और यह एक ऐसी हवा है । जिसके चपेट में आ जाने से 'पूरी दुनिया कुछ अलग सा महसूस' होने लगती है। और यह हवा ज्यादातर लोगों को युवा अवस्था मे ही चपेट करतीं हैं। ठिक लेखक का भी ऐसा ही कुछ हुआ। लेकिन लेखक उस युवती को अखबार में देखा और उस के प्रति दिल में मोहब्बत का हवा लग गया।

उस समय उसका उम्र लगभग 21साल का था। वही लेखक पहले लेख लिखने मे व्यस्त रहते थे लेकिन हवा से ग्रसित होने के बाद लेखक भी कुछ अलग ही दुनिया बना ली। उस युवती से लेखक मिलना चाहते थे । लेकिन उससे नही मिल पाने के कारण लेखक बिमार- सा होने लगा। कुछ दिन बीत जाने के बाद लेखक मोहब्बत जैसी- हवा से पूर्ण रूप से ग्रसित हो गया। अब लेखक इलाज के लिए कई वैधो से मिल चुका था। लेकिन वैधो ने इस बिमारी का इलाज करने मे न कामयाब रहे।

अब बेचारा! लेखक मुहँ लटका कर घर वापस आ गया। फिर एक दिन किसी बाबा ने लेखक को बताया कि - उसका इलाज सिर्फ एक वही युवती कर सकती है जो उस लेखक के दिल मे पहले से जगह बना ली है। लेखक ने उस युवती मिलने के लिए गया। लेकिन वह इतनी अधिक खूबसूरत थी कि लेखक उसे देखकर फूले न समाये। उसका दिल गद - गद हो गया। लेखक ने युवती को गुलाब का फूल देकर उससे अपने मोहब्बत का इजहार किया। युवती ने हस कर फूल स्वीकार कर लिया। दोनों आपस में मिले बात किये तथा एक साथ रहने कि वादा किये। और अपने घर वापस चल दिये। दोनों अलग- अलग रहकर भी एक- दूसरे को बहुत पसंद करते थे।







Sonu kumar
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