...

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क्योंकि चुनाव है
अब तक सवाल नहीं था कोई
खाने पहनने का,
धर्म और जाति के विवाद - सब राजनैतिक हैं
क्योंकि चुनाव है।

झोंक दो जवानों को यू सड़कों पर
पढ़ाई छोड़ कर करोना काल में
ये पहनने औड़ने के झगड़े के लिए - जो राजनैतिक हैं
क्योंकि चुनाव है।

*हिन्द देश के निवासी सब जन एक है
रंग रूप वेशभूषा चाहे अनेक हैं - "
गीत सुना है हम सबने... फिर भी बहस इस बात की- जो राजनैतिक है
क्योंकि चुनाव है।

हम पढ़े लिखे लोग जाहिल सी बातों में भी गुमराह हो सकते हैं-जो राजनैतिक हैं
क्योंकि चुनाव है।

कोई नहीं करेगा मंहगाई, बेरोजगारी या किसी मुद्दे की बात
सबको लगा दो एक ही लत - एक दूजे को नीचा दिखाने की -जो राजनैतिक है
क्योकि चुनाव है।

सारे दंगे सारे फसाद होते ही तब है
जब आता चुनाव है-जो राजनैतिक है
क्योंकि चुनाव है।

राजनेताओं की तो मजबूरी है और उनके कारोबार के लिए ये जरूरी है
पर आम जनता कितनी भोली है जबकि हर बार उसे मिलती मीठी गोली (आश्वासन) है पर वो झांसे में आकर चल पड़ती है झंडे उठाकर - जो राजनैतिक है या कोई मजबूरी ?
क्योंकि चुनाव है, है जानना जरूरी।

समय का पहिया चलता है और वक्त हर पल बदलता है
पर हम लहरों में आने वाले, नहीं अपना दिमाग लगाने वाले

झांसे(उकसावे) में किसी के मत आओ-
"फूट डालो और शासन करो" ये पुरानी नीति है - और हम सबने पढ़ी है फिर भी आना बहकावे में - राजनैतिक है
क्योंकि चुनाव है।

देश में बना दो दंगल के लिए अखाड़ा सीमा पर बजा दो अंतर्यद्ध का नगाड़ा ये सब राजनैतिक है
क्योकि चुनाव है।

देखो, बात अगर सही भी हो निष्पक्ष भी हो पर पसन्द (LIKE) मत करना
क्योंकि चुनाव है।

© PJ Singh