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साल2023एक आशा एक विश्वास की आस
कोरोना काल के दूसरे चरण के दंश से प्रभावित मैं अभी संभल भी नही पाया था कि सरकार की एक मानव अधिकार विरोधी कदम ने मेरे जीवन को एक दिशाहीन मोड़ पर ला खड़ा किया था। जिसके प्रभाव ने मुझे साल के 06माह बाद अचानक ऐसा डसा की में आज तक उसके प्रभाव से मुक्त नही हो पाया ओर इस तरह 2022भी गुजर गया।साल के आखिरी दिन फिर एक नई आशा ने हृदय में स्थान पाया और इसी विश्वास के साथ मेने 2023के पहले दिन में प्रवेश कर लिया।मगर साल की शुरुआत अपेक्षाकृत नही रही।मगर परमपिता परमेश्वर पर कायम अटूट विश्वास का ही परिणाम है कि आने वाले कल की आस में मैं फिर अपने सफर पर निकल रहा हूं। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आने वाला कल मेरे जीवन को एक नई राह दिखाएगा।मेरे पूर्व के अनुभव,ज्ञान ओर तपस्या का फल मुझे जरूर मिलेगा इसी आशा के साथ।।।
© SYED KHALID QAIS