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सुनना , बोलने से क‌ई ज्यादा बेहतर हैं।
समाज में बहुत से लोग होते हैं यदि उस में एक गूंगा और बहरा हो तो आप देखें होंगे कि गूंगा प्राकृतिक रूप से बोलते नहीं है और बहरा को बहुत कम सुनाई देती हैं परंतु ये दोनों एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत है ।गूंगा बोलते नहीं पर सबकी सुनते हैं जबकि बहरा किसी के सुनते नहीं पर सबको बोलते बहुत हैं। समाज के लोग गूंगा को कुछ बोलते हैं तो वह सबकी सुनता और उसके पालन भी करता हैं इसीलिए समाज के लोग उसे बहुत पसंद करते हैं और समाज में उसकी काफ़ी इज्ज़त भी हैं और दूसरे तरफ बहरा किसी के सुनते नहीं बल्कि उल्टा सबको जो मन तो सुनाते हैं जिसके कारण इसके साथ प्रतिदिन किसी न किसी के साथ मुठभेड़ अथवा हाथापाई हो जातें हैं इसीलिए समाज के लोग इसे न पसंद तथा घृणा करते हैं। अतः समाज के लिए वही इंसान अच्छा होता हैं जो सबकी सुने तथा कम बोलें। इस कहानी से यह शिक्षा मिलती हैं कि सुनना, बोलना से कई ज्यादा बेहतर हैं।