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जनरल क्लास
जनरल क्लास '
'छूक -छूक कर के रेलगाड़ी पटरी से जब गुजरती हैँ,
हवा कों पीछे छोड़ती कभी तेज कभी मंद चलती है'
पता नहीं ट्रेन से कोई पिछले जन्म का रिश्ता हैँ, जब भी छूक छूक की आवाज आती हैँ आँखे मूँद कर तस्सली से सरपट भागती ट्रेन की आवाज सुनती हूँ, एक अनोखी खुशी मिलती हैँ, लगता हैँ कोई यादें जूड़ी हुई हो, पता नहीं क्यों बस अच्छा लगता हैँ, कही जाना हो और कार, फ्लाइट, रेलगाड़ी का विकल्प मिले तो हम रेलगाड़ी ही चुनेंगे | किसी सिलसिले में गाँव जाना हुआ तो हम खुशी -खुशी आनंदविहार पहुंच...