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छोटा पैकेट बड़ा धमाल
रेनू का छोटा भाई सबसे हमेशा मिल जुल कर रहता था।
परिवार से लेकर रिश्तेदारों तक सब लोग उसके मिलनसार स्वभाव और समझदारी की खूब सराहना करते थे। वो किसी की कोई बात कभी नहीं टालता था। चाहें कितना भी मुश्किल काम क्यों ना हो वो उसे पुरा करनें में जी जान लगा देता था। जिस वजह से उसे सभी बहुत पसंद करते थे।वो धन से ही नहीं वल्कि मन से अमीर था।
मगर एक बात ऐसी थी जिस पे वो हमेशा ना नुक्कड़ करके टाल दिया करता था। जैसे ही रेनू उससे कहती भाई अब उम्र हो गई है ।अब तो शादी ब्याह कर लें।
तो वो बिल्कुल एक बच्चे की तरह शर्मा जाता।वो अपनी बहन के बहुत करीब था।अपनी बहन की वो हर बात मानता था। रेनू को भी सभी भाई बहन में सबसे छोटा भाई विनोद से कुछ ज्यादा ही लगाव था। रेनू सबसे बड़ी थी और विनोद सबसे छोटा...!! दोनों की आपस में भी खूब बनती थी। रंग रुप गुण और कद-काठी भी लगभग दोनों का एक ही जैसा था।जोश फुर्ती और परिवार के प्रति समर्पण की भावना भी एक सा ही।अपना नुकसान भले हो जाएं किन्तु परिवार पे कभी कोई आंच ना आने पाए। हंसी खुशी और सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था उनका जीवन। परिवार भी आधुनिक ही था।काफी खुले विचारों वाला।अगर विनोद एक बार भी कहता कि उसे शादी करना है तो उसे कभी कोई मना नहीं करता।
किंतु उसने वो काम कर दिया जिसका अंदाजा भी विनोद के परिवार से लेकर चीर परिचित कोई नहीं लगा सकता था। विनोद के इस बर्ताव से उसकी बहनों को बहुत धक्का लगा। साथ ही परिवार से लेकर परिजन तक इसी सोच में थे कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया..??
क्या उसके इस बर्ताव के पीछे उसका कोई मजबूरी या फिर कुछ और था।सभी लोग उसके इस व्यवहार से थोड़ा परेशान और उससे नाराज़ थे। दरअसल विनोद ने बिना किसी को बताएं शादी कर लिया। जब घर वालों को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने कहा यार तू तो बड़ा होशियार निकला यहां हम सब तुम्हारी शादी के लिए लड़की देख रहे थे। और तू दुल्हन भी ले आया..!!
जब रेनू को इस बारे में पता चला तो वो बहुत उदास हो गई। क्यों कि विनोद भाई बहनों में सबसे छोटा था।
तो ज़ाहिर सी बात है सबके उम्मीदें,सपने उसकी शादी को लेकर बहुत थे।जब विनोद रेनू को मनानें आया तो रेनू ने उससे मिलने से इंकार कर दिया। फिर विनोद के बहुत कहने पर रेनू उससे मिली। विनोद अपनी बहन के गले लग कर खूब रोया और सारी कहानी बताया।कब कैसे और क्या हुआ....?? उसकी बातें सुनकर रेनू भी रोने लगी और कहा हमें तुम पर गर्व है।भैया " तुमने एक डुबते को सहारा दिया है। हमारे खानदान का नाम रौशन किया है। और हम तुम्हें बिना कुछ जाने समझे कोश रहें थे।
यार तू तो छोटा पैकेट बड़ा धमाल निकला...!!
किरण