बेखबर अनजानी सी - एक लड़की
कुछ उलझी हुई सवालों में खुद से पूछती है ये सवाल
एैसा मुझमें क्या है जो हर दिल अजीज हूं मैं
हाड़ मांस का पुतला हूं मैं
जैसे तुम हो वैसी मैं
फिर भी हर किसी को मेरी चाहत क्यूं
चाहत में शामिल फिर भी अपमान...
एैसा मुझमें क्या है जो हर दिल अजीज हूं मैं
हाड़ मांस का पुतला हूं मैं
जैसे तुम हो वैसी मैं
फिर भी हर किसी को मेरी चाहत क्यूं
चाहत में शामिल फिर भी अपमान...