...

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माया जाने अपनी।
सुनो ऐसे की समय थम जाए। जहां कल्पना है वही समय (काल) है जहां काल है वहीं मृत्यु है, सुनना कल्पनाओं का उनके स्रोत में समाहित हो जाना है, जो कल्पना है अपने घर से निकल के संसार में बेलगाम दौड़ रहीं थी वह वापस आ गई है। जिन्न देखे हैं ना जो बोतलों से निकलते हैं और जब बोतलों से निकलते हैं तो कितने बड़े हो जाते हैं और फिर कोई आता है कहता है वापस चल, तो जिन्न बोलता है जो हुकुम मेरे आका और इतना विशाल और भयानक जिन्न वो जरा सी टिबरी में वापस चला जाता है, ऐसे ही है कल्पना, उसको फैलने दो फैलने दो तो भूत-प्रेत, पिशाच, जिन्न सब बन जाएगी और बोलो चल तो इतनी सी चीज है टिबरी उसमे चली जाए, मौत का ख्याल भी ऐसी ही है कल्पना, जिन्न,फैलने दो फैलने दो और मालिक रहो अपने, तो बोलो उसको वापस, तो कहेगा जो हुकुम मेरे आका, एक ख्याल के अलावा मौत और कुछ नहीं है पर इससे खुश मत हो जाइएगा जैसे ही कहा गया, एक ख्याल के अलावा मौत कुछ नहीं है तो आपके मन में आता है कि...