...

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अक्सर तेरी यादों में
अक्सर तेरी यादों में खो जाते हैं हम
हमें हीं नहीं पता ख़ुद को कहाँ पाते हैं हम ॥

रूठ कर मेरी जवानी तेरे पास चली जाती है
गम हार कर क्या करे ख़ुद को सौंप देते हैं हम ॥

तिजोरी तो मेरे पास नहीं पड़ी है प्यार प्रेम रखने को
तभी तो तेरी तिजोरी में प्रेम रख पाते हैं हम ॥

बहुत सुकून की जिंदगी है तेरे प्रेम में मेरे यारा
दिल हार कर सब कुछ समर्पित कर चुके हैं हम ॥

बदनाम इश्क़ ना हो मेरा तड़पते रहते हैं हम
क्या तेरे क्या मेरा सब कुछ एक समझते हैं हम॥

दिल के चार दीवारी में बहुत कुछ रखते हैं हम
देखना चाहो तो देख लो यार क्या चाहते हैं हम ॥

जीवन मेरा तड़प रहा है तेरे पास जाने को ।
आकर अब देख हीं ले यारा कैसे रहते हैं हम ॥ ॥ ॥

© ✍️ विश्वकर्मा जी