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वक्त के साथ बदलना है हमें

रिंकी बचपन से ही पढ़ाई लिखाई के साथ साथ व्यवहारिक जीवन में भी दक्ष थी यही कारण था कि वह निरन्तर बढ़ती गई ! 12 th कक्षा पास करते ही उसके रिश्ते आने लगे थे लेकिन वह आगे पढ़ना चाहती थी और अपने पैरों पर खड़े होना चाहती थी उसने अपने पिता से कहा -
पापा आप एक बात बताइये क्या मैं आप पर बोझ हूँ
जो आप मेरे लिए रिश्ते ढूँढने लगे हैं मैं मानती हूँ कि अपने समाज में लड़कियों को ज़्यादा पढ़ाने की परम्परा नहीं है पर जो पढ़ना चाहते हैं आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें पढ़ने के अधिकार से वंचित तो नहीं किया जा सकता है ,
ठीक ऐसा ही विवाह के मामले में भी है पर मैं इस विषय में
आपकी सोच ,पारिवारिक मर्यादाओं के साथ हूँ और उसमें भी लड़का कमोबेश मेरी पसंद का तो हो ,शक्ल सूरत ,सीरत में श्रेष्ठ ,पढ़ा लिखा ,रोजगार से लगा भी हो !
पापा बोले अरे ! वाह बेटी ,तुझे तो पढ़ाई के साथ साथ कानून का भी समुचित ज्ञान हैं वकालात का कौशल भी लॉ पढ़ने के बाद अपना सकती हो ,
फिलहाल मैंने तुम्हारी मम्मी और तुम्हारी बात मानकर आगे की पढ़ाई की व्यवस्था कर दी है खूब पढ़ो ,सही पढ़ो ,सही दिशा में बढ़ माता पिता का नाम रोशन करो !

रिंकी बिना किसी बाधा के लगातार पढ़ती रही अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होती रही ,काम्पीटिशन परीक्षाओं की तैयारी भी उसकी चलती रही व्यवसायिक योग्यता बी.एड. करने के साथ ही शिक्षिका के पद हेतु उसका चयन हो गया और उसकी पोस्टिंग एक छोटे से गाँव में हो जाती है ।
अब पिताजी ने और परिवार के अन्य सदस्यों ने शादी की बात वापस शुरू कर दी ! एक अच्छे सुशिक्षित अपने समान लड़के से राजीखुशी से उसका विवाह सम्पन्न हो गया !

उसका कर्त्तव्य स्थल हालांकि उसकी ससुराल से दूर था परन्तु आवागमन की सुविधा होने से उसने अपडाउन करने का निश्चय किया ।
रिंकी मेहनती और मिलनसार मृदु भाषी होने से शीघ्र ही गाँव में लोकप्रिय हो गई ! गाँव के बच्चों का रिजल्ट भी अब सुधरने लगा था जिससे अभिभावक भी खुश थे छात्रों की तो
वह फेवरिट थी ही उनकी माताओं की भी पहली पसंद बन गई !
विद्यालय की तकरीबन कायापलट ही होकर रह गई थी
आसपास हरियाली ,पेड़,फूल लगने से वातावरण में सकारात्मकता का समावेश होने लगा !
उसका प्रतिदिन अपने शहर से आना जाना हुआ करता था गाँव मुख्य सड़क से तकरीबन 2 .5 k.m दूर था यहाँ तक प्रतिदिन पैदल आना जाना हुआ करता था ।
इसकी वह अभ्यस्त हो चुकी थी ।यहाँ नौकरी करते आते जाते उसे लगभग एक दशक होने को आया था ! उसके पति उसका पास के गॉंव में स्थानान्तरण कराना चाहते थे ।परन्तु उस समय तक तबादला नीति नहीं बनने से कहीं अन्यत्र जाना संभव नहीं हुआ !
रिंकी सहज में ही किसी पर विश्वास कर लेती थी अपनेपन का भाव उसमें सहज विद्यमान था !
बारिश का मौसम था बादल घिर आए थे उसने सोचा कि मुझे समय रहने निकलना चाहिए ! उस दिन बस तक साथ चलकर बैठने वाले शिक्षक छुट्टी पर थे , इसलिए रिंकी लंबे लंबे डग भरती चल रही थी ,एक मोटर साइकिल सवार को हाथ से रुकने का इशारा किया और कहा कि जोड़ तक छोड़ दीजिए ! वैसे आप कहाँ तक जा रहे हैं मुझे भी उसी रूट पर जाना है देखती हूँ बस मिलती है या नहीं आप अगले स्टेशन तक उतार दीजिए !
और गाड़ी स्पीड में बढ़ने लगी हल्की फुल्की बूँदाबाँदी शुरू हो गई थी निर्धारित स्टेशन आने पर भी जब गाड़ी नहीं रूकी तो उसका माथा ठनका ! उसने उस अजनबी शख्स से कहा ,भाई रोक दीजिए लेकिन वह अनसुनी कर बढ़ता रहा उसने आसपास देखा ,चिल्लाने का प्रयास किया लेकिन निरर्थक एक गतिरोधक पर गाड़ी के धीमे होते ही वह जहाँ पगडण्डी थी वहाँ कूद गई वह सवार बिना मुड़े तेजी से गाड़ी भगाता चला गया ! उसे कुछ खरोंच सी आई लेकिन रिंकी ने ख़ुद को संयत किया और वापस धीरे धीरे रोड़ पर आई थोड़ी देर में बस आई और उसे रुकवाकर वह बैठकर घर आ गई ।
रात को घर आने वह सोचती हैं मुझे इस घटना का जिक्र अपने पति से करना है पर उनको विश्वास में लेकर !
उसके पति चिन्तित होते हैं तो वह कहती है कि चिन्ता की कोई बात नहीं मैं गाँव के लोगों से पूछूँगी उसकी रिश्तेदारी तलाशूँगी उसे सबक जो सिखाना है अन्यथा वह और किसी के साथ बेजा हरकत करने का प्रयास करेगा ! नौकरी छोड़ना ,ट्रांसफर करवाना किसी समस्या का हल नहीं है ।
गलती मेरी है कि जल्दबाजी के कारण बिना जाने मैंने अजनबी का विश्वास किया जो मुझे करना नहीं था ।
हमारी कमजोरी हमें मारती है हराती है । लड़कियों को ,महिलाओं को घर पर बैठने से , समस्या से मुँह मोड़ने से
समाधान नहीं होगा ! समवेत स्वर में जब तक समाज नहीं बोलेगा ,ये मनचले राह नहीं बदलेंगे ।
यही तो होता आया है अभी तक और कब तक हम यूँ छुईमुई बनकर रहेंगे हमें उठना होगा ,हमें चलना होगा ।
चाहे कोई सी दिशा हो ,क्षेत्र हो ,अब नारी को अबला नहीं सबला होना होगा ताकि यशोधरा को लक्षित कर
कहा गया यह कथन दोहराया न जाए , बदला जा सकें ,
"अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी !
आँचल में है दूध और ऑंखों में है पानी "।
-MaheshKumar Sharma
22/12/2022
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