बनारस
बहुत सुने है तेरी संकरी गलियों के किस्से,इनमें खोए तो जाने कि दुनिया बसती है इन्हीं में, बनारस बस तबसे हमे इश्क़ है तुमसे ..सुना था मैंने हमेशा कि जो खुद खुश नहीं वो दूसरो को भी खुश...