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भगत सिंह 2
आदरणीय दर्शकों अभी हमारे ड्रामे का अगला दृश्य पूर्ण रूप से काल्पनिक है हमारे नाटक का उद्देश्य किसी की भी धार्मिक , राजनीतिक या सांस्कृतिक अथवा राष्ट्रीय भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं है अगले सभी दृश्य काल्पनिक रूप से तैयार किए गए हैं।
अब हम आगे देखते हैं.....
इस प्रकार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव हमारे भारत देश के लिए खुशी खुशी शहीद हो गए।
यह महान वीर आज 21वी सदी में एक बार फिर काल्पनिक रूप में 2023में प्रकट होते है और हमारे देश के हाल को देखकर चिन्तित होते है की क्या वे महान वीर आज के युग में हो रहे भ्रष्टाचार नशा आदि बुराइयों को देखने के लिए शहीद हुए थे क्या?


(भ्रष्टाचार का दृश्य)

भगत सिंह
देखो दोस्तो आज हम तीनों शहीद हो गए
इन– इन व्यक्तियों के लिए जिन्होंने शिक्षा को व्यवसाय बना दिया है।
आज बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए हम लोग शहीद हुए थे क्या?

(नशा का दृश्य)
सुखदेव
देखो दोस्तों आज की युवा पीढ़ी नशे में डूब रही है 23 साल की जिस उम्र में हम तीनो अपने देश की आज़ादी के लिए शहीद हो गए थे उस उम्र में इनको देश के भविष्य की छोड़ो अपनी स्वयं की चिंता नही है।
आज यह दृश्य देखने के लिए हमलोग शहीद हुए थे क्या?

(मोबाइल का दुरुपयोग का दृश्य)
राजगुरु
देखो दोस्तों युग इतनी जल्दी परिवर्तित हो गया आज अन्न ग्रहण करने से महत्वपूर्ण मोबाइल का उपयोग हो गया।

शिक्षक शोषण
(भगत सिंह)
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा..... वाली सोच तो अब समाप्त हो गई है
अब गुरु को अपने कार्य की प्रमाणिकता को सिद्ध करना पड़ रहा है ।आज गुरु को आरोपित करार करने के पूर्व अभिभावक एक बार भी विचार नहीं करते और इस कारण आज शिक्षण व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई है।

(प्रेम विवाह)

भगत सिंह
उम्र के बंदिश न रही विवाह संस्कार में
पारिवारिक हस्तक्षेप की न चाह अब जीवन साथी की खोज परताल में ।

(रस ड्राइविंग )
सुखदेव
देखो आज कल दैनिक क्रिया के गति रेल गाड़ी से तेज हो गई है की लोग अपने जीवन का महत्व भूल गए है।
आज के मां बाप अपने कम उम्र केस बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति दे देते है।नियमो की उचित जानकारी न होने के कारण बच्चे दुर्घटना का शिकार हो जाते है।

(चाइल्ड लेबर)
राजगुरु
देखो नन्हे नन्हे कंधो पर देश का भविष्य टिका है और आज का मानव इतना स्वार्थी हो गया है की अपने मुनाफे के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खेल रहा है। क्या हमारे मां बाप ने अगर हमलोग इतनी लापरवाही परवरिश की होती तो क्या हमलोग देश का सुनहरा इतिहास बन पाते। आज के मानव जाति को स्वयं के स्वभाव में और जानवर के स्वभाव में अंतर समझने की जरूरत है।

भगत सिंह
देखो क्या हम लोग ने यह दिन देखने के लिए शहीद हुए थे की आज मानव जीवन उस स्तर पर आ गया है की मानव मानव का मोल नही जानता
स्वार्थ और स्वानंद के लिए जीवन के मूल अस्तिवत को भूल गया है ।

राजगुरु

लोगों के लिए आजादी के मायने बदल गए आज आज की युवा पीढ़ी स्वयं की विवेक को भूल गई है।

सुखदेव
आज बहुत दुख होता है यह देखकर की बच्चे परिवार को ,अपने गुरुजनों को और सहपाठियों को एक समान मान रहे है मर्यादित रहना और सम्मान देना बच्चे भूलते जा रहे है।


भगत सिंह
देखो इस भ्रष्टाचार को हमारे देश की जड़ों को खोखला कर दिया है देश के प्रसिद्ध व्यक्तियों ने ही देश के आजादी के मायने को बदल कर रख दिया है आज यह देख कर बहुत ही शर्म महसूस होती है की हम तीनों ने अपने प्राणों का बलिदान इन देश वासियों के लिए दिया था।


आकांक्षा मैम
उम्मीद है आपको हमारे बच्चों की प्रस्तुति पसंद आई होगी और अब आप अपने जीवन में एक नई दिशा की ओर अग्रसर होंगे।