रामेश्वरम में हैं राम शिव
रामेश्वरम! नाम लेने से भी मन राममय हो जाता है। पूरा अंतर्मन ही श्रद्धा और भक्ति से भर जाता है। जितना भगवान श्री राम की महिमा है उतना ही महादेव की कृपा है रामेश्वरम में।
लोग बस, ट्रेन के सफर और जाने कितने जद्दोजहद के बाद रामेश्वरम पहुंचते हैं। जो दक्षिण भारत से नहीं हैं उनके लिए तो अलग ही परीक्षा होती है। यहां की भाषा समझने और उन्हें अपनी बात समझने की नाकाम कोशिश अक्सर परेशानी का सबब बन जाती है। फिर भी, प्रेम के इस सबसे पुराने और सच्चे प्रतीक के दर्शन और महादेव के साथ भगवान श्री राम, लक्षमण, हनुमान जी की कर्मभूमि और विभीषण के एकमात्र मंदिर के दर्शन करने की इच्छा इन सबसे परे होती है।
सुबह सूर्योदय से पहले श्रद्धालु रामास्वामी...
लोग बस, ट्रेन के सफर और जाने कितने जद्दोजहद के बाद रामेश्वरम पहुंचते हैं। जो दक्षिण भारत से नहीं हैं उनके लिए तो अलग ही परीक्षा होती है। यहां की भाषा समझने और उन्हें अपनी बात समझने की नाकाम कोशिश अक्सर परेशानी का सबब बन जाती है। फिर भी, प्रेम के इस सबसे पुराने और सच्चे प्रतीक के दर्शन और महादेव के साथ भगवान श्री राम, लक्षमण, हनुमान जी की कर्मभूमि और विभीषण के एकमात्र मंदिर के दर्शन करने की इच्छा इन सबसे परे होती है।
सुबह सूर्योदय से पहले श्रद्धालु रामास्वामी...