स्त्री का राज
स्त्री क्या है ?
जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे तब उन्हें काफी समय लग गया । आज छठा दिन था और स्त्री की रचना अभी भी अधूरी थी।
इसिलए देवदूत ने पूछा भगवन्, आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो...?
भगवान ने जवाब दिया, "क्या तूने इसके सारे गुणधर्म (specifications) देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी है ?
1. यह हर प्रकार की परिस्थितियों को संभाल सकती है
2. यह एक साथ अपने सभी बच्चों को संभाल सकती है एवं खुश रख सकती है ।
3. यह अपने प्यार से घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे हुये दिल के घाव भी भर सकती है ।
4. यह सब सिर्फ अपने दो हाथों से कर सकती है
5....
जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे तब उन्हें काफी समय लग गया । आज छठा दिन था और स्त्री की रचना अभी भी अधूरी थी।
इसिलए देवदूत ने पूछा भगवन्, आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो...?
भगवान ने जवाब दिया, "क्या तूने इसके सारे गुणधर्म (specifications) देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी है ?
1. यह हर प्रकार की परिस्थितियों को संभाल सकती है
2. यह एक साथ अपने सभी बच्चों को संभाल सकती है एवं खुश रख सकती है ।
3. यह अपने प्यार से घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे हुये दिल के घाव भी भर सकती है ।
4. यह सब सिर्फ अपने दो हाथों से कर सकती है
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